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मीरगंज में अब तक उपेक्षित रहा है लोधी समाज, अबकी बार साधना सिंह उठा रहीं समाज की आवाज, क्या सुध लेंगे अखिलेश?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली जिले की नौ विधानसभा सीटों पर लोधी समाज निर्णायक स्थिति में है लेकिन समाजवादी पार्टी में यह समाज हमेशा से उपेक्षित ही रहा है। इसकी एक वजह यह भी मानी जा रही है कि अब तक इस समाज के किसी नेता ने पुरजोर तरीके से अपने समाज की आवाज नहीं उठाई है लेकिन इस बार एक महिला ने यह साहस दिखाया है और अखिलेश यादव से टिकट देने की मांग भी की है। इस महिला का नाम साधना सिंह लोधी राजपूत है और वह लोधी समाज की जिला अध्यक्ष भी हैं। साधना सिंह को सक्रिय राजनीति में पांच साल का वक्त ही बीता है मगर इन पांच वर्षों में उन्होंने अपनी एक अलग जगह बना ली है। यही वजह है कि अब वह मीरगंज विधानसभा से सपा के टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल हो चुकी हैं।
साधना सिंह कहती हैं कि बरेली जिले की नौ विधानसभा सीटों में से ऐसी कोई भी सीट नहीं है जहां लगभग 15-20 हजार वोट हमारे समाज का न हो लेकिन मीरगंज विधानसभा सीट पर लोधी समाज का वोट 85 हजार है। इसीलिये हम चाहते हैं कि हमारे समाज को मीरगंज से प्रतिनिधित्व मिलना चाहिये।
जीत का गणित पूछने पर साधना कहती हैं कि इस बार मुस्लिम समाज एकतरफा समाजवादी पार्टी को ही वोट करेगा क्योंकि वह जानता है कि भाजपा को अगर कोई पार्टी हरा सकती है तो वह सिर्फ और सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है। ऐसे में सपा को कुछ हिन्दू वोटों की जरूरत भी होगी। अगर लोधी समाज को प्रतिनिधित्व मिलता है तो 85 हजार लोधी वोटों में से कम से कम 60-70 हजार लोधी वोट समाजवादी पार्टी को मिलेगा और हमारी जीत सुनिश्चित हो जाएगी। वह उदाहरण देते हुए कहती हैं कि वर्तमान भाजपा विधायक लोधी समाज से ही आते हैं। लोधी समाज भाजपा से दुखी है लेकिन बिरादरी की वजह से उसने पिछली बार भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था। अगर सपा की ओर से लोधी समाज को प्रतिनिधित्व दिया जाता है तो मुस्लिम और लोधी मतदाता मिलकर ही मीरगंज की सीट पर विजय हासिल कर लेंगे।
साधना सिंह कहती हैं कि जब हर समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है तो फिर बरेली जिले की कम से कम एक सीट पर तो लोधी समाज का अधिकार बनता ही है।
बहरहाल, साधना सिंह जिस पुरजोर तरीके से समाज की आवाज बनकर उभरी हैं उसने पार्टी हाई कमान को इस समाज की दावेदारी पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अगर सपा मीरगंज से लोधी समाज को प्रतिनिधित्व देती है तो जिले की अन्य सीटों पर भी जातीय समीकरण साधने में पार्टी को सफलता हासिल हो सकती है। खास तौर पर कैंट विधानसभा सीट पर जहां अगर लोधी समाज का 10-15 हजार वोट भी सपा को मिल जाए तो भाजपा का सियासी खेल बिगड़ सकता है।
बहरहाल, साधना सिंह को भरोसा है कि सपा सुप्रीमो लोधी समाज की महिला को प्रतिनिधित्व देकर एक नजीर पेश करेंगे।

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