झारखण्ड

बोकारो थर्मल पावर प्लांट के कन्वेयर बेल्ट में फंसने से मजदूर की मौत

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट के पावर प्लांट में काम के दौरान सीएचपी के कन्वेयर बेल्ट में फंसने से मजदूर की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी। घटना बुधवार सुबह लगभग दस बजे की है। इस संबंध में बताया जाता है कि बोकारो थर्मल निवासी 42 वर्षीय प्रफुल्ल कुमार मेहता पावर प्लांट में वार्षिक रख-रखाव के कार्य में लोकनाथ प्राईवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधीन काम करता था।

सुचना मिलने के बाद आनन-फानन में डीवीसी के वरीय अधिकारी घटनास्थल पहुंचे और शव को निकालने की कोशिश किया गया। लेकिन मजदूरों के विरोध के कारण कन्वेयर बेल्ट के रॉलर में फंसे मजदूर का शव लगभग एक घंटे बाद निकाला गया। इसके बाद पावर प्लांट में काम करने वाले सैकड़ों मजदूरों के द्वारा मुआवजा की मांग को लेकर शव को प्लांट के अंदर ही रखकर प्रदर्शन किया गया।
कैसे घटी घटना- 500 मेगावाट के नये ए पावर प्लांट में सीएचपी के वार्षिक रख-रखाव का काम करने वाली कंपनी लोकनाथ कंस्ट्रक्शन में ये हादसा हुआ. जहां प्रफुल्ल कुमार मेहता उर्फ मुन्ना बुधवार को 18 नंबर बंकर में कोयला के कन्वेयर बेल्ट में क्लिनिंग का काम कर रहा था।
काम के दौरान लगभग दस बजे बेल्ट में फंसे किसी धातु को प्रफुल्ल लोहे की छड़ से निकाल रहा था। इसी क्रम में कन्वेयर बेल्ट ने मजदूर को लोहा सहित खींच लिया और वह घिसटता हुआ बेल्ट के नीचे जाकर रॉलर में फंस गया।
घटना के समय कार्यस्थल पर महज एक महिला कामगार मौजूद थी और उसी महिला ने चिल्लाकर घटना की जानकारी अन्य लोगों को दी। महिला के द्वारा शोर की आवाज सुनकर आसपास के कामगारों ने मोटर को जब तक बंद किया तब तक मजदूर की मौत हो चुकी थी।
एक घंटे बाद निकाला गया शव
घटना की सूचना पाकर डीवीसी के प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार, डीजीएम पीके सिंह, अपर निदेशक नीरज सिन्हा सहित अन्य अधिकारी सहित सैकड़ों मजदूर एवं यूसीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह, महामंत्री नवीन कुमार पाठक, सीटू नेता भागीरथ शर्मा तथा अख्तर खान घटनास्थल पर पहुंचे।
बेल्ट का मोटर बंद करने के बाद रॉलर में फंसे मजदूर को एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया. मजदूर का दोनों हाथ कई स्थानों से बुरी तरह से टूटकर चूर हो चुका था।
मुआवजा की मांग को लेकर शव को उठाने नहीं दे रहे मजदूर
बेल्ट के रॉलर से निकाले जाने के बाद मजदूर के शव को डीवीसी हॉस्पीटल के जाने से सैकड़ों मजदूर सहित यूनियन नेताओं ने रोका। मुआवजा एवं नियोजन की मांग को लेकर मजदूर का शव उठाने नहीं दिया जा रहा था। इधर, मजदूर की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मजूदर की मौत के बाद मुआवजा एवं नियोजन की मांग को लेकर डीवीसी के स्थानीय प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार की मौजूदगी में यूनियन प्रतिनिधियों एवं परिजनों के साथ वार्ता पावर प्लांट में हुई। वार्ता में प्रबंधन ने मृतक के आश्रित को कंपनी में नौकरी व पांच लाख मुआवजा पर सहमति बनी। इसके बाद शव को प्लांट से निकालकर डीवीसी अस्पताल में लाया गया। उसके बाद शव को पोस्टमार्डम के लिए बोकारो भेजा गया। वार्ता में
डीवीसी की ओर से परियोजना प्रधान कमलेश कुमार, डीजीएम नीरज कुमार सिन्हा, एनके चौधरी, रविंद्र कुमार, अभय श्रीवास्तव, मृत्युजय प्रसाद व यूनियन की ओर से जिप सदस्य भरत यादव, यूसीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह, महामंत्री नवीन कुमार पाठक, सीटू नेता भागीरथ शर्मा, असीम तिवारी, सदन सिंह, मो. फरीद, सरजू ठाकुर, गणेश राम, आरपी वर्मा, प्रमोद सिंह, अख्तर खांन सहित अन्य मजदूर शामिल हुए।

घटना की जानकारी मिलने के बाद एचएमकेयू के महासचिव इंदरदेव महतो अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढाढंस बधांया। उन्होंने कहा कि कंपनी व प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुई है। कार्यस्थल पर मैन पावर की कमी थी। कंपनी जरूरत के अनुरूप कम मजदूरों से काम करवा रहा था। जिसके कारण मजदूर की मौत हुई। कहा कि इस मामले में कंपनी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर मामला दर्ज करने की बात कही।

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