नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली शहर में कोरोना काल में कालाबाजारी करने वालों की फौज देखने को मिल रही है
बड़े पैमाने पर आवश्यक दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडरों और अन्य उपकरणों की कालाबाजारी का खेल खुलेआम चल रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग सोया हुआ है. पिछले दिनों आक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी के आरोप में पारस गुप्ता और सर्जिकल सामानों की कालाबाजारी के आरोप में मेहता सर्जिकल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. बता दें कि मेहता सर्जिकल के मालिक अजय मेहता के बड़े भाई बसपा नेता हैं और शहर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं.
इस मुद्दे पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रेमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना काल पूरे देश के लिए मुसीबतें लेकर आया है. लोग पहले से ही मुसीबत झेल रहे हैं. खासतौर पर वे लोग जो कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं. ऐसे में कुछ व्यापारी आपदा को अवसर में बदलने में जुटे हुए हैं. वे जरूरी सामानों, आक्सीजन सिलेंडरों एवं दवाओं की कालाबाजारी करने में जुटे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग भी इनकी ओर लापरवाह बना हुआ है. ऐसे लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्योंकि कोरोना काल में यह अपराध किसी देशद्रोह से कम नहीं है. देश के नागरिक इन्हीं कालाबाजारी करने वालों की वजह से आज मौत के आगोश में समा रहे हैं. निजी अस्पताल मरीजों से लूट खसोट में लगे हुए हैं. बेड के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं. दो हजार रुपये का सिलेंडर 40 हजार में बेचा जा रहा है. आपदा के इस संकट काल में जहां देश के साथ खड़े होकर जरूरतमंदों की मदद की जानी चाहिए वहां ये लोग जरूरतमंदों को लूटने का काम कर रहे हैं. यह देशद्रोह से कम नहीं है. इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.