नीरज सिसौदिया, बरेली
सोशल मीडिया पर पैगम्बर ए इस्लाम मोहम्मद साहब की पत्नी हजरत आयशा का आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले समाजवादी पार्टी के बदायूं जिला उपाध्यक्ष रामवीर कश्यप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. इससे पहले मुकदमा दर्ज होने के बावजूद रामवीर कश्यप को पार्टी से न निकालने पर सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बरेली महानगर अध्यक्ष डा. मो. खालिद सहित कई नेताओं ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की कड़े शब्दों में निंदा की थी. साथ ही सपा नेता के इस कृत्य के लिए गहरा रोष भी व्यक्त किया था. उन्होंने पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव से फोन पर वार्ता कर मामले से अवगत कराया और लखनऊ एवं दिल्ली भी वार्ता करते हुए मुस्लिम समाज कीभावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त न करने की चेतावनी भी दी. कहा कि अगर चुनाव के समय इस तरह से सपा के नेता जिस तरह से मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत कर रहे हैं उससे यह स्पष्ट है कि अब समाजवादी पार्टी में मुसलमानों के हित सुरक्षित नहीं रह गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा को अब मुसलमानों की जरूरत नहीं रह गई है. वह सिर्फ वोटों के लिए मुसलमानों का इस्तेमाल करती रही है. उन्होंने कहा था कि सपा एक तरफ तो मुस्लिमों का वोट चाहती है और दूसरी ओर हमारे धर्मगुरुओं का अपमान कर रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि कोई और दल छोटी सी गलती भी करे तो सपा नेता हंगामा शुरू कर देते हैं लेकिन अपने नेता पर सारे समाजवादी मुस्लिम नेताओं को सांप सूंघ गया है. एक भी नेता बिल से बाहर नहीं आया है. साथ ही मुस्लिम विरोधी नेता और सपा के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. डा. खालिद की पहल पर जब मामले ने तूल पकड़ा और बात राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंची तब जाकर शाम को पार्टी के जिला अध्यक्ष की ओर से एक पत्र जारी कर रामवीर कश्यप को जिला उपाध्यक्ष पद से हटाने और छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की कार्रवाई की गई.
वहीं इस मामले पर आईएमसी प्रमुख तौकीर रजा ने किनारा करते हुए कहा कि यह समाजवादी पार्टी का अंदरूनी मामला है.
कांग्रेस नेता प्रेम प्रकाश अग्रवाल ने घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह बहुत गलत हुआ है. धर्म को राजनीति से एकदम दूर रखते हुए कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे. खासतौर पर राजनीतिक व्यक्ति को इस बात का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए कि उसकी जुबां से कोई ऐसे अल्फाज न निकलें या वह कोई ऐसा काम न करे जिससे किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हों. फिर चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान.
वहीं भारतीय राष्ट्रीय सेवक संघ के संस्थापक अनवार चौधरी ने कहा कि चुनाव के दौर में हिन्दुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पार्टी के नेता ऐसी ओछी हरकतें करने पर उतारू हैं. वह सोचते हैं कि इस तरह की हरकतों से वह हिन्दू वोट हासिल कर लेंगे लेकिन ऐसा नहीं है. उन्हें हिन्दू वोट तो किसी भी कीमत पर नहीं मिल सकेगा उल्टा मुस्लिम समाज भी अब उनके झांसे में नहीं आने वाला. मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक के लिए सपा इस्तेमाल करती रही है. उसे मुस्लिमों की आस्था से कोई लेना देना नहीं है.
वहीं, समाजवादी पार्टी के कैंट विधानसभा सीट के टिकट के दावेदार मो. फिरदौस उर्फ अंजुम भाई ने कहा कि रामवीर कश्यप जैसे नेताओं के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है. राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी ने उसे पार्टी से निष्कासित करके एकदम सही निर्णय लिया है. हम इसकी सराहना करते हैं.