नीरज सिसौदिया, बरेली
शहर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार अतुल कपूर पिछले लगभग एक साल से आए दिन कुछ न कुछ ऐसा कर देते हैं कि हर तरफ चर्चा का केंद्र बन जाते हैं। वैसे तो पार्षद के चुनावी मैदान में एंट्री मारते ही उन्होंने सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी थीं लेकिन इन दिनों वह विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाओं में हैं। हाल ही में वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से लखनऊ में मुलाकात करके आए तो बरेली की सियासत गर्मा गई और चौक-चौबारों से लेकर बाजारों तक बस अतुल कपूर के नाम की ही चर्चा हो रही है। यह चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष से अतुल कपूर ने अकेले में मुलाकात की। काफी देर तक चली इस मुलाकात में दोनों के बीच क्या बात हुई, यह बताने को अतुल कपूर भी तैयार नहीं हैं। वह इस मुलाकात को महज शिष्टाचार भेंट करार देते हैं लेकिन सूत्र बताते हैं कि इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच शहर विधानसभा सीट से टिकट को लेकर चर्चा हुई है।
बताया जाता है कि अतुल कपूर ने प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष खत्री पंजाबी समाज की आवाज बुलंद की जिस पर प्रदेश अध्यक्ष भी गंभीर नजर आए.चूंकि जिले में इस समाज के लोगों का आंकड़ा निर्णायक भूमिका में है। ऐसे में इस समाज की अनदेखी भाजपा के लिए अबकी बार आसान नहीं होगी।
इसकी एक वजह यह भी बताई जाती है कि भाजपा इस बार का विधानसभा चुनाव भी हिंदुत्व के एजेंडे पर ही लड़ने की तैयारी कर रही है। राम मंदिर की सफलता को भी भुनाने की तैयारी है। साथ ही मुस्लिम बनाम अन्य चुनाव कराया जा सकता है। भाजपा यह अच्छी तरह जानती है कि हिंदुओं के साथ ही गैर मुस्लिमों को भी एकजुट किया जाएगा तो ही वह सत्ता में वापसी कर सकती है अन्यथा उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर भाजपा जिले की किसी भी एक सीट पर खत्री पंजाबी समाज को प्रतिनिधित्व देती है तो बहेड़ी, नवाबगंज सहित जिले की उन सभी सीटों पर भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। जहां बड़ी तादाद में खेतिहर किसान खत्री पंजाबी समाज से ताल्लुक रखते हैं। किसान आंदोलन और अपने समाज को प्रतिनिधित्व न मिलता देख खत्री पंजाबी समाज के ये वोटर फिलहाल समाजवादी पार्टी की सभाओं और रैलियों में नजर आने लगे हैं। इन वोटरों को अपने पाले में भाजपा तभी ला सकती है जब इनके समाज को भी जिले में प्रतिनिधित्व दिया जाए। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के साथ अतुल कपूर की चर्चा का केंद्र भी यही था।
बहरहाल, खत्री पंजाबी समाज को प्रतिनिधित्व देने की आवाज को जिस तरह से अतुल कपूर बुलंद कर रहे हैं वह इस समाज के उज्ज्वल भविष्य और शहर विधानसभा सीट पर बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है। पार्टी हाईकमान भी इस मुद्दे पर गहनता से मंथन कर रहा है। फिलहाल भाजपा का समुद्र मंथन शुरू हो चुका है और इस मंथन से निकलने वाला अमृत किसे मिलेगा, इसका फैसला आने वाला वक्त ही करेगा। अतुल कपूर जिले में खत्री पंजाबी समाज के बड़े नेता के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ते जा रहे हैं।