नीरज सिसौदिया, बरेली
कैंट विधानसभा सीट पर चुनावी घमासान अब दिलचस्प मोड़ पर आ खड़ा हुआ है. विरोधी दलों की मुश्किलें बढ़ाने के लिए अब डा. खालिद मैदान में आ रहे हैं. अब तक जहां अटकलें लगाई जा रही थीं कि डा. खालिद समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं वहीं अब सारी अटकलों को विराम देते हुए पूर्व डिप्टी मेयर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष डा. मो. खालिद ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के टिकट पर 125 बरेली कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह खुलासा उन्होंने इंडिया टाइम 24 को दिए गए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में किया.
डा. खालिद ने बताया कि अब तक यह संभावनाएं जताई जा रही थीं कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठबंधन समाजवादी पार्टी से होने जा रहा है जिस कारण उन्होंने प्रसपा से टिकट के लिए आवेदन नहीं किया था लेकिन काफी समय बीतने के बावजूद गठबंधन नहीं हुआ. इसलिए अब वह और देरी बर्दाश्त करने के पक्ष में नहीं हैं. प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से टिकट के लिए आवेदन मांगे गए हैं. अब वह आगामी एक अक्टूबर को लखनऊ में प्रस्तावित बैठक में शामिल होने के साथ ही आवेदन भी करने जा रहे हैं.
डा. खालिद ने कहा कि इस बार प्रसपा पूरे दमखम से चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. भाजपा और समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यकों के हित साधने में नाकाम साबित हुई हैं. इसलिए जनता अब प्रसपा की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. उन्होंने कहा कि प्रसपा छोटे-छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ ही टीएमसी और अन्य दलों को भी एक मंच पर लाएगी और सभी को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी ताकि साम्प्रदायिक और जन विरोधी ताकतों को सत्ता में आने से रोका जा सके.
बता दें कि डा. मोहम्मद खालिद डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं और कैंट विधानसभा सीट पर अच्छी पकड़ भी रखते हैं. वह अंसारी बिरादरी से ताल्लुक़ रखते हैं जिसकी कैंट सीट पर बड़ी आबादी है. साथ ही करिश्माई व्यक्तित्व के धनी डा. मो. खालिद हर धर्म के लोगों के बीच गहरी पैठ भी रखते हैं. वह जितने मुस्लिमों में लोकप्रिय हैं उतने ही अन्य धर्मों के लोगों के भी पसंदीदा हैं. यही वजह है कि जब वह सपा से डिप्टी मेयर का चुनाव लड़े थे तो प्रदेश में सपा की सरकार न होने और डिप्टी मेयर बनने के लिए जरूरी सदस्यों में से पार्टी के आधे सदस्य भी न होने के बावजूद डा. खालिद न सिर्फ चुनाव लड़े बल्कि डिप्टी मेयर भी बन गए. जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर डा. खालिद की कैंट विधानसभा सीट के सियासी रण में मौजूदगी विरोधी दावेदारों की मुसीबत बढ़ा सकती है. बहरहाल, डा. खालिद अब मैदान में उतर चुके हैं. प्रसपा में उनसे मजबूत अन्य कोई भी दावेदार इस सीट पर नहीं है. वह शिवपाल यादव के करीबी भी हैं जिसके कारण उनका टिकट तय माना जा रहा है.
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