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महाकुंभ कल से, मेगा पवेलियन, लक्जरी टेंट सहित जानिए क्या-क्या होगा खास?

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नीरज सिसौदिया
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय महाकुम्भ मेले की सांस्कृतिक विरासत और उसके महत्व, आरामदायक टेंट तथा बेहतर हवाई संपर्क को प्रदर्शित करने वाले ‘अतुल्य भारत मंडप’ के माध्यम से लोगों को प्रयागराज आने और सोमवार से शुरू होने वाले इस विशाल धार्मिक समागम का आनंद लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है। इस बार महाकुम्भ में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। संगम पर 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 45-दिवसीय इस मेले में बड़ी संख्या में पर्यटकों और सांस्कृतिक प्रेमियों के आने की उम्मीद है, जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक माने जाने वाले इस उत्सव को देखने का प्रयास करेंगे। सरकार ने रविवार को कहा कि पर्यटन मंत्रालय इस वर्ष महाकुम्भ को न केवल आध्यात्मिक समागमों के लिए बल्कि वैश्विक पर्यटन के लिए भी एक ‘ऐतिहासिक आयोजन’ बनाने को तैयार है। पर्यटन मंत्रालय इस महत्वपूर्ण अवसर को सफल बनाने के लिए कई पहल कर रहा है, जिसका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘महाकुम्भ में आने वाले पर्यटकों के लिए निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, पर्यटन मंत्रालय ने देश भर के कई शहरों से प्रयागराज तक हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए एलायंस एयर के साथ साझेदारी की है। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों के लिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचना आसान हो जाएगा, जिससे वे आसानी और सुविधा के साथ कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकेंगे।” पर्यटन मंत्रालय ने इस साझेदारी के तहत नयी दिल्ली, कोलकाता, जबलपुर और देहरादून सहित कई शहरों से संचालित होने वाली उड़ानों की समय-सारिणी भी साझा की। मंत्रालय ने कहा कि वह महाकुम्भ में पांच हजार वर्ग फुट का विशाल स्थान ‘अतुल्य भारत मंडप’ स्थापित कर रहा है, जो विदेशी पर्यटकों, विद्वानों, शोधकर्ताओं, फोटोग्राफरों, पत्रकारों, प्रवासी समुदाय और भारतीय प्रवासी सदस्यों को तमाम सुविधा प्रदान करेगा। यह मंडप आगंतुकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा, जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कुंभ मेले के महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा।
वहीं, महाकुंभ मेले के लिए मिर्जापुर में प्रसिद्ध सिद्धपीठ विंध्याचल धाम में भी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। धाम में मां विंध्यवासिनी देवी के गर्भ गृह में चरण स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसा महाकुंभ स्नान के दौरान यहां भारी भीड़ होने के द्दष्टिगत लिया गया है। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कुंभ के बाद यहां चार करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। जिला प्रशासन ने तैयारियों के को अंतिम रूप देने का दावा किया है। पूरी व्यवस्था नवरात्रि मेले के तर्ज पर की गई है। भगदड़ की स्थिति न हो इसके लिए प्रशासन फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है। रेल विभाग द्वारा मिर्जापुर एवं विंध्याचल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या को देखते हुए तैयारियां की है। खुद डीआरएम सहित अन्य अधिकारी यहां का निरीक्षण कर आवश्यक आदेश निर्देश दिए हैं। एक माह से यहां तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है।वही विंध्याचल में यात्रियों की मौलिक सुविधाओं की परेशानी न हो इसका ख्याल रखा गया है। काशी प्रयाग के मध्य विध्य पर्वत पर स्थित मां विंध्यवासिनी देवी धाम शक्ति स्थलों में विशेष रखता है। इस धाम का बहुत महत्व है। देश विदेश से वर्ष भर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है। इसी महात्म्य को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर विध्य कोरिडोर का निर्माण कराया गया है। विश्वनाथ मदिर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी की पसंदीदा परियोजना है। विंध्य कोरिडोर योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस निर्माण के बाद यहां दर्शनार्थियों की संख्या में गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। असल में दूर दराज से किसी धार्मिक यात्रा में आने पर लोग आस पास के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलो पर भी जाना चाहते हैं। विंध्याचल प्रयागराज के पास ही स्थित है। कुंभ स्नान के बाद भारी संख्या यहां भारी श्रद्धालुओं की सम्भावना है।यह संख्या चार करोड़ तक हो सकती है। जिला प्रशासन इसी को मद्देनजर अपनी तैयारियों को अमली जामा पहना रहा है। सरकार की ओर से भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ट्रेन और बसों की विशेष व्यवस्था कर रखी है। स्नान पर्वों पर हर समय बस उपलब्ध होंगे। वहीं विशेष ट्रेन चलाने की योजना है। साथ साथ कई ट्रेनो का मिर्जापुर में स्टापेज भी किया गया है। इससे यात्रियों को सुगमता होगी।

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