बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
सात फेरे लेकर मंडप से एक दुल्हन विदा होने के तुरंत बाद ससुराल के बजाय सीधे राजेंद्र हाई स्कूल जारंगडीह (बेरमो) पहुंच गयी। सजी-धजी कार से दूल्हा दुल्हन को लेकर जैसे ही पहुंचा, वहां मौजूद हर कोई ये देखकर हैरान रह गया। दरअसल दुल्हन कुमारी कांति की रविवार को इंटर वाणिज्य की फाइनल परीक्षा थी। 7 मई (शनिवार) को कंजकिरो (नावाडीह) में उसके घर बारात आयी और उसकी शादी हो गयी। सुबह विदाई के बाद दुल्हन ने परीक्षा देने की इच्छा जाहिर की। जिसे बाद उसके पति सुनील कुमार महतो ने उसे पूरा किया। नई नवेली दुल्हन कांति घर-गृहस्थी के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहती है। इसके चलते उसने शादी के मंडप से विदाई के बाद ससुराल की जगह परीक्षा केंद्र जाने की इच्छा जताई। दूल्हे और उसके स्वजन ने भी दुल्हन की पढ़ाई के प्रति रुचि देख खुशी जताई और उसे दूल्हे के साथ परीक्षा देने के लिए राजेंद्र हाई स्कूल जारंगडीह भेजा। परीक्षा देने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर घर केंदुआडीह पहुंचा। इस दौरान करीब ढाई घंटे तक दूल्हा कार में बैठकर दुल्हन का इंतजार करता रहा।
कंजकिरो निवासी अशोक महतो-कविता देवी की बेटी कुमारी कांति की शादी केंदुआडीह में हुई है। 7 मई को कंजकिरो में उसके घर बारात आयी थी। सुबह विदाई के बाद उसे केंदुआडीह स्थित अपने ससुराल जाना था, लेकिन उसने ससुराल जाने के पहले परीक्षा देना जरूरी समझा। दुल्हन के परीक्षा देने आने पर परीक्षा हॉल में ये चर्चा का विषय बन गया। परीक्षा हाल में प्रवेश करने से पहले दूल्हा-दुल्हन ने कहा कि विवाह के बाद एक नए जीवन की शुरुआत होती है। लेकिन इस शुरुआत से भी ज्यादा जरूरी पढ़ाई है। इसलिए हमने विदाई के बाद घर जाने से पहले परीक्षा देना जरूरी समझा। दूल्हा सुनील कुमार महतो ने बताया पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझना और महत्व देना चाहिए। दूल्हे ने कहा कि इस बात की शुरुआत हमने सात फेरे लेने के तुरंत बाद ही कर दी। मुझे काफी अच्छा लग रहा है कि वैवाहिक जीवन की शुरुआत में ही मैं अपनी पत्नी के फैसले में साथ खड़ा हो सका। बहरहाल पति के सहयोग से राजेंद्र हाई स्कूल में कांति ने 8 मई को प्रथम पाली में इंटर वाणिज्य की फाइनल परीक्षा दी।