बोकारो थर्मल, कुमार अभिनंदन
बेरमो के आरमो की बेटी शांति कुमारी की हत्या के सात दिन बाद दिल्ली में पुलिस के समक्ष परिजनों ने दांह-संस्कार किया। शांति को गांव की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई। रोजगार की तलाश में छह साल पूर्व दिल्ली गयी थी। दिल्ली में 12 मार्च की रात हत्या कर पांचवे तल्ले से फेंक दिया था। बुधवार की रात दिल्ली पुलिस मृतका के गांव आरमो पहुंची और घटना की जानकारी परिजनों को दी। घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतका की बडी बहन बंसती देवी, चाचा गोबिंद किस्कू व सहदेव किस्कू और समाजिक कार्यकर्ता मोतीलाल बास्के के अलावे मानव अधिकार के अंजता सामद, दीपक तिवारी व भीम प्रसाद दिल्ली पुलिस के साथ शांति कुमारी के शव को पहचाने के लिए वहां गयी। शव की पहचान के बाद दिल्ली पुलिस की उपस्थिति में मृतक के परिजनों के द्वारा शव को दिल्ली में ही आदिवासी रिति-रिवाज के साथ दांह-संस्कार कर दिया गया। दूसरी और मानव अधिकार के अजंता सामद ने कहा कि पूरे हत्याक्रम की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने काम कानून करें, और मृतक के परिजन को उचित मुआवजा मिलें। अगर मृतक के साथ न्याय नहीं होता है, तो मानव अधिकार इस मामले को लेकर कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी। दूसरी और शांति कुमारी की दांह-संस्कार दिल्ली में हो जाने की सूचना मिलने के बाद आरमो के कसुमाटांड चित्कार से दहल गया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव की अनाथ बेटी शांति रोजगार की तलाश में अपनों से दूर दिल्ली गयी थी। हमलोगों ने सोचा भी नहीं था कि हमारे गांव की बेटी के साथ इस तरह की हादसा होगी और हम उसका उसके अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाऐंगे। शांति गांव की बहुत ही होनहार बच्ची थी, पूरे गांव में उसकी याद में मातम पसरा हुआ है।
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