नीरज सिसौदिया
जालंधर शहर के करीब 40 से भी अधिक मैरिज पैलेस अवैध रूप से चल रहे हैं। लंबे समय से यह पैलेस बेरोकटोक चल रहे हैं लेकिन इनके खिलाफ नगर निगम की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। इनमें से ज्यादातर पैलेस नेताओं के रिश्तेदारों या उनके समर्थकों की है। नगर निगम की ओर से इन मैरिज पैलेसों को नोटिस तो जारी किए गए लेकिन आगे की कार्रवाई करना निगम अधिकारी भूल गए। यह चौंकाने वाला खुलासा नगर निगम की ओर से आरटीआई के तहत दी गई जानकारी में किया गया है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने आरटीआई के तहत नगर निगम से शहर में चल रहे मैरिज पैलेसों के संबंध में जानकारी मांगी थी। यह जानकारी चढ़ाने 27 मार्च 2017 को मांगी थी लेकिन नगर निगम की ओर से कोई भी जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद चड्ढा ने आगे अपील की और चंडीगढ़ से उन्हें यह जानकारी मुहैया कराई गई। आरटीआई के तहत मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ है कि शहर में चल रहे करीब 49 से भी अधिक मैरिज पैलेसों में अगर आधा दर्जन मैरिज पैलेस में को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं। कुछ मैरिज पैलेस तो ऐसे हैं जिन्होंने मैरिज पैलेस के नाम पर नक्शा ही पास नहीं कराया है। वहीं कुछ मैरिज पैलेस ऐसे भी हैं जिन्होंने नक्शा तो पास कराया है लेकिन नक्शे के अनुरूप निर्माण नहीं कराया। इसके अलावा कुछ मैरिज पैलेस ऐसे हैं जो नियमों पर खरे नहीं उतरते और उन्हें किसी भी सूरत में कंपाउंड नहीं किया जा सकता। नियमानुसार मैरिज पैलेस उन्हीं इलाकों में खोले जा सकते हैं जहां सड़क की चौड़ाई कम से कम 25 मीटर हो लेकिन अधिकांश मैरिज पैलेस ऐसे हैं जो इस योग्यता को पूरा नहीं करते। दिलचस्प बात यह है कि यह मैरिज पैलेस साल 2 साल से नहीं बल्कि कई सालों से बेरोकटोक चलाए जा रहे हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन मैरिज पैलेसों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वह कौन से नगर निगम के अधिकारी थे जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया। हालांकि इस दौरान कई बिल्डिंग इंस्पेक्टर, असिस्टेंट टाउन प्लानर, मुनिसिपल टाउन प्लानर और सीनियर टाउन प्लानर समेत नगर निगम कमिश्नर तक बदल गए लेकिन इनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या नगर निगम के सभी अधिकारी भ्रष्ट थे या फिर इसके पीछे कोई दबाव था?
बाद अगर राजनीतिक दबाव की करें तो अब सत्ता परिवर्तन हो चुका है और नगर निगम में अकाली-भाजपा गठबंधन की जगह कांग्रेस का बीज हो गई है ऐसे में अब देखना यह होगा कि क्या नहीं मेयर जगदीश राज राजा अवैध रूप से चल रहे इन मैरिज पैलेसों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत जुटा पाते हैं अथवा वह भी किसी दबाव के चलते मामले को ठंडे बस्ते में डाल देंगे। इस संबंध में जब मेयर जगदीश राज राजा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
यह मैरिज पैलेस चल रहे हैं अवैध रूप से
करतार पैलेस, संजोग पैलेस रॉयल पैलेस, बल्ले बल्ले फार्म, शुभम पैलेस होशियारपुर रोड, धामी कैसल, PS गार्डन, शहंशाह पैलेस, सनशाइन होटल, जेके पैलेस, प्रताप पैलेस, ढिल्लो पैलेस, नंदिनी रिसोर्ट, मोदी रिसोर्ट, सिमरोल रिसॉर्ट परागपुर, अमर पैलेस, राय पैलेस बंसल पैलेस, सुरजीत पैलेस, गुलशन पैलेस, शिमला पैलेस, मोहन पैलेस, पैराडाइस एंप्रेस, पंजाब पैलेस, रॉयल क्राउन, डोली पैलेस, शहंशाह पैलेस मॉडल हाउस शहनाई पैलेस, केजी आशियाना, रॉयल पैलेस मॉडल हाउस, सिटी सेंटर गार्डन, बतरा पैलेस, लक्ष्मी पैलेस जल विलास पैलेस, प्रभाकर पैलेस, गुरु नानक मैरिज पैलेस, गुलाब वाटिका, वेलकम पैलेस, वीपी कॉम्प्लेक्स आदर्श पैलेस, द्रोणा गार्डन, लकी पैलेस और तारा पैलेस समेत अन्य पहले इस अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं।
इस संबंध में जब नगर निगम कमिश्नर बसंत गर्ग से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नियमानुसार बनती कार्रवाई की जाएगी।
Facebook Comments