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सेंट फ्रांसिस के आठवीं के छात्र को ट्रक ने कुचला, हंगामा

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राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
पूर्णागिरि रोड स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र को बुधवार सुबह एक ट्रक ने कुचल दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान कुणाल भारती पुत्र ओम प्रकाश भारती निवासी लिसा डिपो के रूप में हुई है। वह मूलरूप से बिहार का रहने वाला था. घटना के बाद गुस्साए लोगों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि पुलिस कारोबारियों और ट्रांसपोर्ट वालों से अवैध वसूली कर उन्हें सड़क पर अवैध कब्जे करवा रही है जिसके चलते यहां दिनभर भारी वाहन और ट्रक खड़े रहते हैं जिससे सेंट फ्रांसिस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के सिर पर हर वक्त मौत का साया मंडराता रहता है.
जानकारी के मुताबिक, कुणाल रोज की तरह बुधवार को भी साइकिल से स्कूल आया था. उसके फाइनल एग्जाम चल रहे थे. वीरवार को आखिरी पेपर होना था. बुधवार सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर उसकी स्कूल से छुट्टी हुई तो वह अपनी साइकिल से लिसा डिपो स्थित अपने घर लौटने लगा. अभी वह स्कूल से महज 50 कदम का फासला भी तय नहीं कर पाया था कि पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उसे बेरहमी से कुचल डाला. ट्रक चालक इतने पर भी नहीं रुका और ट्रक दौड़ाता हुआ सीधे थाने पहुंच गया.
हादसे के बाद स्थानीय लोगों के साथ स्कूल टीचर्स का भी गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने मौके पर जमकर हंगामा करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम कर दिया.
स्कूल टीचर्स और स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस वाले यहां अवैध वसूली कर ट्रकों को खड़ा करवाते हैं. ये ट्रक वाले अक्सर स्कूली छात्राओं और महिला टीचरों पर अश्लील कमेंट करते हैं. जब एक टीचर इसकी शिकायत करने पहुंची तो पुलिस ने ट्रक हटवाने का भरोसा दिया मगर कार्रवाई नहीं की.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने गैरजिम्मेदारी और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए टनकपुर थाना प्रभारी के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई करने और तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने स्थानीय विधायक कैलाश गहतोड़ी एवं सांसद व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा से स्कूल के पास स्पीड ब्रेकर बनवाने की भी मांग की है ताकि फिर कोई बेगुनाह मासूम काल बनकर दौड़ते वाहनों का शिकार न बने.
इस संबंध में जब टनकपुर थाना प्रभारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि मेरी ही वीडियो क्यों बना रहे हो और भी तो अफसर हैं उनसे पूछाे.
वहीं, एसडीएम अनिल कुमार चन्याल ने मामले को काफी गंभीरता से लिया और तत्काल मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया.
जनता के जबरदस्त विरोध को देखते हुए पुलिस ने वहां के ट्रांसपोर्ट को मौका देखकर चुपचाप बन्द करवाकर नौ दो ग्यारह करवाया. विरोध करने वालों में पालिका के मेम्बर नायकगोठ के प्रधान जीत सिंह, सेंट फ्रांसिस स्कूल की टीचर रेनू जोशी, गंगा चंद, सुनीता सिंह, दीपिका आर्या, मंजू चंद, सुभाष पांडे, प्रियंका जोशी, ब्रदर सोजन, प्रिंसिपल ब्रदर मारिया दास समेत बड़ी संख्या में अन्य लोग शामिल थे.
वहीं पुलिस अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से कतराते रहे. घटना को काबू करने में पुलिस के सीओ राजेन्द्र सिंह रौतेला, कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार मेला डयूटी में आये लगभग दो दर्जन दरोगा व पुलिस कर्मी शामिल थे।
घर का इकलौता बेटा था कुणाल
तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आकर जान गंवाने वाला सेंट फ्रांसिस स्कूल का आठवीं कक्षा का छात्र कुणाल भारती तीन भाई बहनों में इकलौता भाई था। उसकी दो अन्य बहने हैं। एक बहन मानसिक रूप से विकलांग है। वह रोज खुद अपनी साइकिल से ही घर से स्कूल आता और जाता था।
मां का था बुरा हाल, सबकी आंखें थीं नम
ट्रक की चपेट में आने के बाद एक तरफ कुणाल की साइकिल पड़ी थी और दूसरी तरफ उसकी लाश। अस्पताल पहुंची कुणाल की मां का रो रो कर बुरा हाल था। पिता ओमप्रकाश बेसुध थे। बेटे की अप्रत्याशित मौत उन्हें गहरा सदमा दे गई। वहीं मासूम की मौत पर हर आंख नम थी. स्कूल स्टाफ और अस्पताल पहुंचे लोगों के सामने मां बस एक ही बात कहती, अगर मुझे पता होता कि मेरा बाबू आज लौटकर नहीं आएगा तो मैं उसे स्कूल भेजती ही नहीं। उसके लिए रोटी बना कर आई हूं।
सवालों के घेरे में पुलिस प्रशासन
सेंट फ्रांसिस स्कूल के इस बेगुनाह मासूम कुणाल भारती की मौत से पुलिस प्रशासन भी सवालों के घेरे में आ गया है। यह हादसा उस वक्त हुआ है जब टनकपुर में पूर्णागिरि मेले का हाल ही में आगाज हुआ है। पुलिस प्रशासन मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद होने के दावे कर रहा था लेकिन उसके दावों की पोल मासूम कुणाल की मौत ने खोल दी है। अगर पुलिस व्यवस्था चाक-चौबंद थी तो फिर ट्रक इतनी तेज रफ्तार में कैसे आ रहा था। अगर सड़क खाली ना होती और उसमें पूर्णागिरि मेले में जा रहे यात्री भी होते तो शायद तस्वीर और भी भयावह होती। अगर पुलिस इसी तरह लापरवाही बरतती रही तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा टनकपुर को अपना शिकार अवश्य बना सकता है।

देखें वीडियो…

 

 

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