पंजाब

पारदर्शिता पर मेयर के संकल्प को आईटी एक्टिवस्ट ने चुनौती दी

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दावे के सत्यापन हेतु अखबार खरीद घोटाले की जांच करवाएं नए मेयर – कैलाश ठकुराल
जालन्धर। नगर निगम जालन्धर के मुख्यालय डा. भीमराव अंबेदकर भवन की चौथी मंजिल पर लाइब्रेरी के लिए अधिकारिक रूप से चिन्हित कक्ष के बावजूद गत 10 सालों से बंद पड़ी नगर निगम की लाइब्रेरी में अखबारों की खरीद सहित कई अन्य बड़े घोटालों की आशंका प्रकट की गई है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता कैलाश ठुकराल द्वारा 2015-16 और 2016-17 के लिए निगम द्वारा अखबारों की खरीद के लिए किए गए टैंडर और फिर उस टैंडर की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उसे रद्द करके पुन: टैंडर के जरिए अलाट किए जाने बाबत सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी अक्षरत: उपलब्ध नहीं कराए जाने के बाद ठुकराल ने नगर निगम की पब्लिक इंफारमेशन आफिसर कम लाइब्रेरियन के विरुद्ध नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त कम प्रथम अपीलांट अथारिटी को शिकायत देकर जानकारी मांगी है। ठुकराल ने न केवल यह शिकायत दर्ज की है अपितु नगर निगम में ऐसे घोटालों पर नजर रखने वाले चीफ विजीलेंस अफसर कम पब्लिक इन्फारमेशन अफसर लोकल गर्वनमेंट लोकल बाडीज पंजाब शर्मा के विरुद्ध मुख्य सूचना आयुक्त पंजाब (चंडीगढ़) के यहां भी याचिका दायर की है।  ठुकराल का आरोप है कि इन अधिकारियों ने उन्हें उनके दायित्व के अनुसार भ्रष्टाचार के विरुद्ध नगर निगमों इत्यादि में की गई कार्रवाई की जानकारी आरटीआई एक्ट के तहत इन अधिकारियों ने मुहैया न करवाकर आम नागरिक के संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार का हनन किया है। गौरतलब है कि अति महत्वपूर्ण लगभग 23786 समृद्ध यह लाइब्रेरी उसका पुराना भवन टूटने के बाद नई व्यवस्था के बावजूद बंद पड़ी है और यह पुस्तकें स्थानीय माडल टाऊन स्थित नगर निगम के एक गोदाम में सड़ गल रही है और लाइब्रेरी के लिए तैनात स्टाफ अन्य स्थानों पर लगाया गया है। लेकिन अखबारों इत्यादि की खरीद-फरोख्त का गोरखधंधा जारी है। इस लाइब्रेरी के सैंकड़ों सदस्यों को कोई सूचना नहीं है कि वह क्या करें और अब एक तथाकथित प्रस्ताव को निगम सदन में ध्वनि मत से पारित करवा कर अधिकारियों ने इसे किसी निजी भवन में स्थानांतरित करके घोटाले पर पर्दा डालने और लाइब्रेरी को खुर्द-बुर्द करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल कैलाश ठुकराल ने सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इस घोटाले का पर्दाफाश करने की पहल की है। लेकिन जिम्मेवार अधिकारी उन्हें सूचना नहीं दे रहे। ठुकराल ने आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगी थी कि उन्हें सत्र 2015-16 और 2016-17 के लिए निगम द्वारा अखबारों की खरीद के लिए किए गए ई-टैंडर जो कि सेठी न्यूज एजेंसी के पक्ष में स्वीकृत हुआ था और बाद में इस टैंडर को रद्द करके किसी सुभाष न्यूज एजेंसी को नई टैंडर प्रक्रिया से देने बाबत संपूर्ण जानकारी दस्तावेजों के साथ मुहैया करवाई जाए। ठुकराल ने यह मांग भी की थी कि उक्त सुभाष न्यूज एजेंसी के मालिक का नाम, उसकी इस एजेंसी का पता तथा जिन धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं को उनकी लाईब्रेरियों हेतु उक्त अखबारें खरीद कर निगम द्वारा नि:शुल्क दी जाती है, उनकी सम्पूर्ण जानकारी उन्हें मुहैया करवाई जाए। लेकिन नगर निगम सूचना अधिकारी-कम-लाईब्रेरियन ने उन्हें अब तक कोई जानकारी नहीं दी। सामाजिक एवं सूचना अधिकार कार्यकर्ता कैलाश ठुकराल ने कहा कि नगर निगम के नए महापौर ने अपने प्रथम संकल्प में कहा कि वह बतौर मेयर राजनीति से ऊपर उठकर शहर के विकास हेतु तथा जन सुविधाओं के लिए न केवल कड़ी मेहनत करना चाहता हूं अपितु नगर निगम की कार्यप्रणाली को भी पारदर्शी बनाऊंगा, इसलिए अनिवार्य हो जाता है कि वह इस मामले को विशेषाध्यान देकर जांच करवाएं तथा नगर निगम की लाइब्रेरी को खुर्द-बुर्द होने से बचाने के लिए इसे नगर निगम भवन में इसके निर्धारित स्थान पर ही रखें तथा अन्य निजी ट्रस्ट इत्यादि के भवन में स्थानांतरित करके बहुमूल्य साहित्य को नष्ट होने से बचाएं। ठुकराल ने कहा कि नगर निगम जालन्धर की यह लाइब्रेरी अति समृद्ध और साहित्य प्रेमियों, बुद्दिजीवियों, पत्रकारों और पढऩे की रूचि रखने वाले नागरिकों की नजर में अति प्रतिष्ठत थी।
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