जालंधर, (माही): शहीदी दिवस के दिन गुरदीप सिंह नागरा ने भारत के वीर सपूतों- भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने आज शाहदत दिवस के अवसर पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले भारत के जांबाजों को याद किया। नागरा ने कहा 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों- भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था। उन्हें लाहौर षड्यंत्र के आरोप में फांसी पर लटकाया गया। अंग्रेजों को लगा ऐसा करने पर हिंदुस्तानियों के अंदर उबल रही आजादी की आग शांत पड़ जाएगी, लेकिन देश के तीनों सपूतों ने अपनी जिंदगी को अलविदा कहने तक इस कदर बच्चे-बच्चे में स्वतंत्रता की ज्वाला भर दी कि अंग्रेजों के पसीने छूट गए। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की फांसी के बाद भारत की जनता पर स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने का रंग इस कदर चढ़ा कि भारत माता के हजारों सपूतों ने सिर पर कफन बांध कर अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी। आज भले ही देश के ये वीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह कल भी देश के लिए मिसाल थे और आज भी मिसाल हैं। तभी हम इन तीनों वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए ही शहीद दिवस मनाते हैं।
इन तीनों क्रांतिकारियों की इस शहादत को आज पूरा देश याद कर रहा है। लोग सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनसे जुड़े किस्से और बयानों को शेयर कर रहे हैं। आज इस मौके पर उनके साथ श्रद्धांजलि देने के लिऐ बिक्रमजीत सिंह, सत्येंद्रजीत सिंह हैप्पी, हरमन नागरा, लखविंदर सिंह बंटी, हरेंद्र सिंह हिन्द्र, डिंपल शर्मा, ओम प्रकाश भाटिया, नरेंद्र तलवार, उमेश बत्रा, कमलजीत सिंह, राजदीप सिंह, परमजीत सिंह गिल, संदीप सिंह, देवेंद्र नागरा, कुलजीत गिल आदी पहुंचे।
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