रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
मोदी सरकार की बातें मानिए तो देश भक्त, नहीं मानिए तो देशद्रोही बनना तय है। मोदी सरकार और समय देश में रही तो मजदूर का नामों निशान तक मिट जायेगा। श्रम सुधार के नाम पर देश के पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घराने के पक्ष मे सारे कानून बनाये जा रहे हैं। संगठित मजदूरों की संख्या घट रही है और असंगठित मजदूरों की संख्या बढ़ रही है। मोदी सरकार किसानों के खिलाफ किसान विरोधी कानून बनाने के पक्ष में है। भूमि अधिग्रहण के नाम पर जमीन छीन रही है। किसान हत्या कर रहे हैं। भाकपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सह हजारीबाग के पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने बोकारो थर्मल में जिला स्तरीय एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मजदूरों पर मोदी सरकार हमले पर हमले कर रही है। इस समय देश के तमाम मजदूरों को एक साथ आंदोलन करने की जरूरत है। मोदी सरकार एक ऐसा कानून लाने जा रही है जिसमें अपना हक-अधिकार के लिए भी आंदोलन नहीं कर सकते हैं। अगर आंदोलन करते हैं तो नौकरी तो जायेगी ही मजदूरो को जेल भी जाना होगा।
भाकपा के राज्य सचिव डीके सिंह ने कहा कि देश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। इसके लिए आम जनता को एक मंच पर आकर सरकार का विरोध करना होगा। जिलामंत्री पंचानन महतो ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार एसटी/एससी एक्ट में संशोधन कर दलितों के साथ अन्याय कर रही है। किसानों को सब्सिडी खत्म कर दिया गया, ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले दब गए हैं। स्वागत भाषण शाखा सचिव ब्रजकिशोर सिंह ने किया।
सम्मेलन की अध्यक्ष मंडली में इफ्तेखार महमूद, गणेश प्रसाद महतो, आफताब आलम, महेंद्र मुंडा, अनिता देवी व सुजीत घोष शामिल थे। सम्मेलन को राजेंद्र प्रसाद यादव व नुनूचंद महतो ने भी संबोधित करते हुए कहा कि 2019 में भाजपा का जाना तय है। सम्मेलन में मुख्य रूप से यूसीडब्लुयू के महांमत्री लखनलाल महतो, मो शाहजहां, अनंतलाल महतो, इस्लाम अंसारी, पोखन महतो, देवानंद प्रजापति, शकिला बानो, सुलेखा महतो, पीके पांडेय, स्वयंवर पासवान, दिवाकर महतो, रामेश्वर साव, ईश्वर ठाकुर, नवीन पाठक आदि थे।
सम्मेलन में विरोध के सुर
बोकारो से आये पार्टी के कुछ सदस्यों व अधिकारियों ने विरोध के सुर बुलंद किये। सम्मेलन का विरोध कर इसे अवैध बताया। हालांकि पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने बताया कि ये साथी लगातार पार्टी की तीन बैठक में भाग नही लिये थे। ऐसे में इन्हें नोटिस भी दिया गया पर इनलोगों ने कोई लिखित जवाब नही दिया और इन लोगो ने एक अलग कमिटी बना ली। और बिना जवाब दिए जिला सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति मांगी थी।