पंजाब

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के भतीजे का जालंधर पहुंचने पर भव्य स्वागत

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जालंधर : आज 12 अप्रैल  देश में कुछ स्वार्थी नेताओं द्वारा फैलाया जा रहा जातिवाद देश की आजादी के साथ-साथ एकता अखण्डता के लिए खतरा बनता जा रहा है। जल्द ही इस पर काबू नहीं पाया गया तो यह सामाजिक बिखराव कभी न कभी देश के बिखराव का भी कारण बन सकता है। यह विचार क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के भतीजे अमित आजाद ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्री आजाद का आज जालंधर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। मंच के अध्यक्ष किशन लाल शर्मा ने बताया कि उनके संगठन की ओर से कल 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग जा कर जलियांवाला हत्याकांड पुण्य दिवस मनाया जाएगा और इसमें शहीद हुए निर्दोष भारतीयों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। अमित आजाद ने बताया कि देश के सामाजिक बिखराव के चलते ही मोहम्मद बिन कासिम से लेकर अंग्रेजों तक विदेशी हमलावर भारत पर बार-बार हमला करते रहे और हमारे बीच अलगाव का लाभ उठाते हुए हम पर शासन करते रहे। देश के सभी वर्गों ने मिल कर आजादी की लड़ाई लड़ी तो उस ब्रिटिश राज का भी अंत हो गया जिसका सूरज कभी छिपता नहीं था। लेकिन अंग्रेजों ने बांटो और राज करो की नीति पर चलते हुए देश का विभाजन करवा दिया और दुर्भाग्य की बात है कि इसी विभाजनकारी नीति पर हमारे आज के कुछ नेता व राजनीतिक दल भी चलते नजर आरहे हैं जो जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। श्री अमित आजाद ने कहा कि क्रांतिकारी  व स्वतंत्रता सेनानी इस देश से केवल विदेशी हकूमत को ही बाहर नहीं करना चाहते थे बल्कि स्वतंत्रता के बाद उनका सपना था कि एक ऐसे समाज का निर्माण हो जो समानता, भाईचारे और सभी तरह के वैर से मुक्त हो। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई हमारे क्रांतिकारियों ने लड़ी और स्वतंत्रता बचाने की लड़ाई हमें एकजुट हो कर लडऩी होगी। श्री आजाद के अनुसार, जब तक समाज में विकास की पंक्ति में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का उद्धार नहीं हो जाता हमारी लड़ाई जारी रहेगी। इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के प्रदेश अध्यक्ष किशन लाल शर्मा ने कहा कि देश ने 1947 में राजनीतिक स्वतंत्रता तो प्राप्त कर ली परंतु आर्थिक,सामाजिक स्वतंत्रता अभी बाकी है। जब तक देश भय, भूख, भ्रष्टाचार, नशों से पूर्णत: मुक्त नहीं हो जाता तब तक पूर्णरुपेण स्वतंत्रता के लिए हमें संघर्षरत रहना होगा। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल, 1999 को अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग में सैंकड़ों निर्दोष भारतीयों पर गोलियां चला कर उन्हें शहीद कर दिया था। यह जहां विदेशी शासन की निर्ममता का उदाहरण है वहीं आत्म बलिदानों की भारतीय परंपरा का गौरवशाली उदाहरण भी। अपनी युवा पीढ़ी को इसी गौरवशाली इतिहास से जोडऩे के लिए मंच की ओर से श्री अमित आजाद के नेतृत्व में कल13 अप्रैल को जलियांवाला बाग में जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनकी पुण्यस्मृति की जाएगी। इस अवसर पर जालंधर पहुँचने पर चन्द्रशेखर आजाद जी के पात्रे अमित आजाद स्वागत करने वालो में गुरमीत सिंह औलख अजमेर सिंह बादल सोनू किकी हरदीप सिंह राजू मलकीत सिंह वरुण कुमार मोहन लाल सुरजीत सिंह मनजिंदर सिंह जसवंत सिंह सजान कुमार शेर सिंह परमजीत सिंह जसपाल सिंह राजिंदर शर्मा मनोज कुमार दिनेश ठाकुर कमल ग्रोवर तेजिंदर सिंह तेजा सूबेदार के के शर्मा नवीन कुमार आदि भारी संख्या में युवा उपस्थित थे.

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