नीरज सिसौदिया, जालंधर
जिले के देहाती इलाकों में कॉलोनाइजरों और पुडा के अधिकारियों का गठजोड़ खेतों में कलेधन की फसल काट रहा है. गांव लांबड़ी के बाद अब लोहारा और बम्बियांवाली गांव के और मामले भी सामने आये हैं. यहां कॉलोनाइजरों ने लगभग तीन से चार एकड़ में अवैध कॉलोनी काटी है. इससे सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपए की चपत लगी है लेकिन सूत्र बताते हैं कि पुडा के अधिकारियों की जेेबें गरम की गई हैं. यही वजह है कि जालंधर विकास प्राधिकरण के अधिकारी इन अवैध कॉलोनियों की तरफ आंखें बंद कर लेते हैं. इन कॉलोनियों में लगभग एक लाख रुपये प्रति मरला प्लॉटों का सौदा किया जा रहा है. सीवरेज भी अवैध रूप से डाला गया है. यह इलाका जेई सिद्धार्थ मैंगी के कार्य क्षेत्र में आता है लेकिन उन्हें फिलहाल न तो लांबड़ी की अवैध कॉलोनी नजर आई, न लोहारा की अवैध कॉलोनी नजर आई और न ही बम्बियांवाली की कॉलोनी नजर आ रही है. पुडा के नए ईओ रणदीप सिंह इन अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि इंडिया टाइम 24 में प्रकाशित अवैध कॉलोनियों की जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही इन सभी कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. फिर चाहे वह कॉलोनाइजर हो या अफसर सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अगली किस्त में हम बतायेंगे कि पुडा का वो कौन सा अधिकारी है जो अवैध कॉलोनियों को शह देते हुए खुद ही कॉलोनाइजर बन गया और कॉलोनाइजरों के साथ पार्टनरशिप में अवैध कॉलोनियां काटने लगा. इसके बावजूद उसने जेडीए की नौकरी नहीं छोड़ी और उस कहावत को चरितार्थ कर रहा है कि सैंया भए कोतवाल, अब डर काहे का. तो जानने के लिए पढ़ते रहें www.indiatime24.com.