हरियाणा

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बनाई आंदोलन की रणनीति

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रमेश तंवर, कैथल
स्वास्थ्य कर्मचारियों की स्थानीय समस्याओं का समाधान करवाने के लिये बहुउद्धेश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन हरियाणा(संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा) की जिला कार्यकारिणी के 13 सदस्यीय प्रतिनिधी मण्डल ने जिला प्रधान जोगेन्द्र सिंह की अगुवाई में जिला के सिविल सर्जन डॉ. अशोक चौधरी के साथ विस्तृत बैठक की। इस दौरान एसो. ने एन.एच.एम.(आर.सी.एच.) के तहत लगी सभी ए.एन.एम्स. की पर्सनल फाइनल व सर्विस बुक को जल्द से जल्द तैयार करके बढ़ा हुआ वेतन फौरन जारी करवाने, सरकार द्वारा वर्ष 2014 में जारी पत्र के आधार पर सभी एमपीएचडब्ल्यू(महिला) एवं एमपीएचएस (महिला) को हाई रिस्क ए.एन.सी. के रजिस्टेªशन करवाने पर 1000/-रूपये मासिक भत्ता को फौरन लागू करवाने, परिवार नियोजन के केशों की पेमैंट मिलने में आ रही समस्याओं को दूर करके समय पर दिलाने, सभी एम0पीएचडब्ल्यू(पुरूष एवं महिला) एवं एमपीएचएस (पुरूष एवं महिला) तथा एस.एम.आई. को डायरी, बैग व पहचान पत्र उपलब्ध करवाने, अनटाईड फण्ड और बिल्डिंग फण्ड समय पर और पूरा देने, उपकेन्द्रों पर सभी जरूरी रजिस्टर व दवाई उपलब्ध कराने, हर माह सी.एच.सी. स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों की मासिक बैठकें करके स्थानीय स्तर पर समस्याओं का समाधान करने, एसोसिएशन की बैठक करने के लिये जिला मुख्यालय पर कार्यालय उपलब्ध करवाने समेत 13 समस्याओं पर बड़े ही सौहार्द्धपूर्ण वातावरण में चर्चा की गई। सिविल सर्जन महोदय द्धारा सभी समस्याओं व मांगों को गंभीरता से सुना गया और जल्द ही निपटारा करने का भरोसा दिलाया गया।
सिविल सर्जन के साथ वार्ता करने से पूर्व जिला कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में जिला प्रधान जोगेन्द्र सिंह की अध्यक्षता व सचिव सुनील मलिक के संचालन में हुई। जिसमें एशो0 की सभी मांगों व स्थानीय समस्याओं पर गंभीर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक को सम्बोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रांतीय उप महासचिव सुरेश उचाना ने कहा कि जुबान का पक्का होने का झुठा दावा करने वाले स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने करीब तीन वर्ष का समय बीतने के बावजूद उनकी मानी गई मुख्य मांगों जिनमें एमपीएचडब्ल्यू कैडर की लम्बित वेतन विसंगतियों को दूर करके पंजाब के समान वेतनमान दिये जाने, योग्यता में बढ़ोतरी के आधार पर ग्रेड-पे को 2400/-रूपये से बढ़ाकर 4200/-रूपये करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा(एन.एच.एम.) के अंर्तगत कार्यरत अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों को 2 वर्ष की सेवा के आधार पर नियमित करनेे या माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 26 अक्तूबर 2016 को जारी आदेशानुसार समान काम-समान वेतन देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने, एमपीएचडब्ल्यू (पुरूष एवं महिला) एवं एमपीएचएस (पुरूष एवं महिला) का नाम बदलकर क्रमशः जुनियर हैल्थ सुपरवाइजर तथा सीनियर हैल्थ सुपरवाइजर करने, एमपीएचडब्ल्यू (पुरूष) एवं एमपीएचएस (पुरूष) को भी महिला कर्मचारियों के समान वर्दी भत्ता देने, एफटीए में बढ़ोतरी करके क्रमशः 1000 व 2000 रुपये मासिक लागू करने, एमपीएचडब्ल्यू (पुरूष एवं महिला) एवं एम.पी.एच.एस. (पुरूष एवं महिला) की वरिष्ठता सूची व 75 प्रतिशत पदों पर कन्फर्मेशन सूची, पदोन्नति चैनल पुनः नियमित रूप से खोलने तथा उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर जरूरी दवाअों, रजिस्टरों व माइक्रोस्कोप प्रदान करना आदि में से एक भी मांग को पूरा नहीं किया है। जबकि समझौता उपरान्त उन्होंने खुद मीडिया के सामने सभी मांगों को तीन महीने के अन्दर लागू करने का वायदा किया था।
जिला प्रधान जोगेन्द्र सिंह व उपाध्यक्ष ईश्वन्ती देवी ने संयुक्त रूप से सरकार को चेतावनी दी कि यदि समय रहते सभी मांगों का जल्द समाधान नहीं किया गया तो
सरकार की वायदाखिलाफी के विरोध में राज्य कमेटी के आह्वान पर आगामी 16 अप्रैल को पंचकूला में महानिदेशालय के सम्मुख दिये जाने वाले राज्य स्तरीय सांकेतिक रोष धरना-प्रदर्शन में जिला व खण्ड कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी बढ़चढ़ कर भाग लेंगे। अगर फिर भी समाधान नहीं हुआ तो सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के तत्वावधान में आगामी 29 अप्रैल को जीन्द में होने वाली विराट ललकार रैली में भी जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मचारी बढ़चढ़ कर भाग लेते हुए आर-पार की लड़ाई का ऐलान करेंगे। बैठक में जिला प्रधान जोगेन्द्र सिंह, जिला सचिव सुनील मलिक, प्रांतीय उप महासचिव सुरेश उचाना, कैशियर राममेहर शर्मा, जिला कमेटी सदस्य सर्वश्री सतपाल राविश, सुमित गिल, श्रवण कुमार, ईश्वन्ती देवी, बसंती देवी, सुषमा देवी, जोगेन्द्र सिंह, भुषण कुमार, गीता देवी, रामदिया, राज सिंह आदि नेताओं ने भाग लिया।

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