चंदन मंडल, खगड़िया
अंबेडकर को दलितों का मसीहा माना जाता है, मगर यह भी उतना ही सही है कि उन्होंने ताउम्र सिर्फ दलितों की ही नहीं, बल्कि समाज के सभी शोषित-वंचित वर्गों के अधिकारों की बात की.यह बातें दलित सेना के राष्ट्रीय सम्मेलन में सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कही ।
सांसद कैसर ने कहा कि बीआर अंबेडकर ने शोषित वर्गों की लड़ाई लड़ी.संविधान बनाने का श्रेय इन्हें ही जाता है.
आज 14 अप्रैल है यानी देश के संविधान निर्माता और भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है. आज की राजनीति में भीमराव अंबेडकर ही एक मात्र ऐसे नायक हैं, जिन्हें सभी राजनीतिक दलों में उन्हें ‘अपना’ बनाने की होड़ लगी है. यह बात सही है कि अंबेडकर को दलितों का मसीहा माना जाता है, मगर यह भी उतना ही सही है कि उन्होंने ताउम्र सिर्फ दलितों की ही नहीं, बल्कि समाज के सभी शोषित-वंचित वर्गों के अधिकारों की बात की. उनके विचार ऐसे रहे हैं जिसे न तो दलित राजनीति करने वाली पार्टियां खारिज कर पाई है और न ही सवर्णों की राजनीति करने वाली पार्टियां.