उत्तराखंड

कंस का शत्रु आठवां पुत्र

Share now

दीपक शर्मा, लोहाघाट
भिंगराड़ा क्षेत्र के खरही मे चल रही श्री कृष्ण लीला में कलाकारों द्वारा दिखाया गया कि देवकी का प्रथम शिशु का जन्म होता है, वसुदेव का देवकी से पुत्र मांगना लेकिन देवकी के रुदन करने के पश्चात वसुदेव के द्वारा देवकी से झपट कर पुत्र को ले जाना और तब तक कंस प्रथम पुत्र का इन्तजार कर रहा था वसुदेव अपने बचन का पालन कर अपने पहले पुत्र को कंस के सौंपते हैं लेकिन मंत्री की सलाह से कंस पुत्र को वापिस कर देता है.

मंत्री कहता है कि अरे कंस तुम्हारा शत्रु तो आठवां पुत्र है. कंस इससे चकित होकर, इस पुत्र को मारकर क्या लाभ है. इसके बाद पुन: नारद जी कंस के पास जाकर कहते हैं कि आप ही बताएं कि कौन सा पुत्र आठवां और कौन सा प्रथम है। इससे भ्रमित होकर कंस पुन: उस पुत्र को मंगाकर मार देता है और वसुदेव देवकी को जल्लादों द्वारा कारागार में बन्दी कर दिया जाता है.

उधर, कंस फिर क्रोधित हो जाता है और अपने प्रभु भक्त पिता उग्रसेन के बहुत समझाने पर उल्टा क्रोधित होकर पिता को ही मारना चाहता है. मगर मंत्री के आगाह करने से कंस अपने पिता उग्रसेन को लात मारकर राज गद्दी से उतार देता है और स्वयं राज गद्दी पर बैठ जाता है. सारे राज्य को सूचित कर देता है कि गवौं, ब्राह्मणों, साधु सन्तों समेत दस (10) माह के बच्चों सहित सभी को मार देने का आदेश अपने अनुचरों को दे देता है. इसमें कंस को उसका मंत्री और उकसाता है और कहता है कि महराज आपके पास तो बहुत जनबल है वो देवी देवता तो आपके धनुष की टंकार सुनते ही रण छोड़ देंगे।


वसुदेव के देवकीनन्दन शर्मा, देवकी बिट्टू बोहरा, कंस भास्कर भट्ट, मंत्री चन्द्र शेखर, नारद नवीन सिंह, जल्लाद हिमांशु व प्रकाश, उग्रसेन दुर्गानाथ आदि पात्रों द्वारा सुन्दर अभिनय कर लीला को दिखाया जा रहा है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *