हरियाणा

इनहांसमेंट में ब्याज को पूरी तरह से वापस ले सरकार : संतोष दहिया

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कुरुक्षेत्र (ओहरी )

सर्वजातीय सर्वखाप महिला महापंचायत की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. संतोष दहिया ने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा सेक्टरों में बार-बार इनहांसमेंट जारी करने का क्रम पिछले कई वर्षों से चल रहा है। यदि सभी इनहांसमेंट का टोटल कर लिया जाए तो यह प्लॉट के वास्तविक मूल्य से भी अधिक बनती है। इनहांसमेंट में ब्याज को पूरी तरह से वापस लेने की मांग सरकार से की है। दहिया ने सरकार की नीति के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि यदि इनहांसमेंट के सभी पैसे प्लॉट धारकों से ही लेने थे तो जब किसानों ने निचली कोर्ट में अपने जमीन के बदले अधिक पैसों की मांग की थी, तब उन्हें पार्टी क्यों नहीं बनाया गया।
प्रोफेसर संतोष दहिया ने बताया कि पिछले करीब आठ महीने से सेक्टरवासी एनहांसमेंट का विरोध कर रहे हैं। चूंकि हशविप्रा की ओर से भारी भरकम ब्याज लगाया है, जो नाजायज है। सेक्टरवासी इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सीएम मनोहर लाल ने 40 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की। यह छूट केवल उन लोगों को मिलेगी जो आगामी दो महीनों ने इनहांसमेंट राशि जमा कराएंगे। उनकी मानें तो सेक्टरवासी इनहांसमेंट भरने के लिए तैयार है, लेकिन वह उतनी ही राशि भरने को तैयार हैं, जो हाईकोर्ट ने किसानों को देने का आदेश दिए हैं। वह प्रधिकरण की ओर से लगाए गए ब्याज भरने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने सरकार से यह अपील की कि वे जल्द से जल्द इनहांसमेंट से राहत दिलाए। दहिया ने सीएम द्वारा मीडिया के समक्ष सेक्टरवासियों को डिफाल्टर कहने की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पहले तो शहरों में रहने वाले लोगों पर नाजायज इनहांसमेंट डाल कर मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। दूसरा सीएम खुद सेक्टरवासियों को डिफाल्टर कहकर अपमानित कर रहे हैं। दहिया ने दोहराया कि सेक्टरवासियों को ब्याज में पूरी तरह छूट मिलनी चाहिए। बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा छूट की घोषणा के बाद भी सेक्टरवासी इनहांसमेंट भरने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि हशविप्रा ने उन्हें जो इनहांसमेंट की नोटिस भेजी है, उसमें मूलधन से करीब चार गुना ब्याज की राशि समाहित है। अब सरकार ने इसमें 40 फीसद की छूट दी है। इस छूट के बाद भी लोगों को मूलधन से करीब दो गुना ज्यादा इनहांसमेंट भरना होगा। दहिया का कहना है कि सेक्टरवासी इस ब्याज को क्यों भरें, जबकि यह प्राधिकरण की गलती है।

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