उत्तराखंड

ढाई सौ श्रद्धालुओं पर डंपर का कहर, 10 मरे, दो दर्जन घायल

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राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
उत्तराखंड के चंपावत जिले के टनकपुर में शुक्रवार सुबह एक भीषण सड़क हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई जबकि लगभग दो दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए| हादसा उस समय हुआ जब एक डंपर चालक ने लगभग ढाई सौ श्रद्धालुओं के काफिले पर डंपर चला दिया| काफिले में शामिल श्रद्धालुओं ने डंपर चालक को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है| पुलिस ने वाहन को जब्त कर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कार्रवाई करते एसडीएम अनिल कुमार चन्याल

एसडीएम अनिल कुमार चन्याल ने बताया कि शुक्रवार सुबह लगभग 4:45 बजे उत्तर प्रदेश के नवाबगंज के रहने वाले लगभग ढाई सौ श्रद्धालुओं का एक काफिला डोला लेकर पैदल ही मां पूर्णागिरी के दर्शन को जा रहा था| इसी दौरान पीछे से आए वाहन ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया| हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया| घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद टनकपुर से हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया जिसमें एक श्रद्धालुओं ने हायर सेंटर ले जाते वक्त रास्ते में ही दम तोड़ दिया|

मौके पर खड़ा डंपर जिससे हादसा हुआ

वही श्रद्धालुओं के परिजनों ने टनकपुर के सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण रामस्वरूप व एक अन्य श्रद्धालु की अस्पताल में मौत हो गई| उनका कहना था कि यहां इंजेक्शन भी सही तरीके से नहीं लगाया जा रहा है और घायलों को ढंग का उपचार भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है|

अस्पताल में भर्ती घायलों का हालचाल लेते लोग

हादसे के बाद पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हिमेश खर्कवाल साथियों के साथ सरकारी अस्पताल टनकपुर पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना| मृतकों में राजकुमार पुत्र नन्हे उम्र 16 वर्ष निवासी नवाबगंज, दीन दयाल पुत्र खुशीराम उम्र 35 वर्ष, बाबू पुत्र माखनलाल उम्र 12 वर्ष, केसर सिंह पुत्र रूप चरण उम्र 16 वर्ष बहेड़ी निवासी, वीर सिंह पुत्र अंगद लाल उम्र 18 वर्ष निवासी बहेड़ी, सोनू पुत्र माखनलाल उम्र 18 वर्ष नवाबगंज, विशाल उम्र 17 वर्ष निवासी सदलपुर, सोहनलाल पुत्र नाथूलाल उम्र 40 वर्ष निवासी नवाबगंज, रामस्वरूप पुत्र नाथू लाल उम्र 45 वर्ष और एक अन्य शामिल हैं| मृतकों और घायलों के परिजनों का कहना था कि सूचना देने के आधा घंटा बाद पुलिस मौके पर पहुंची और लगभग डेढ़ घंटे बाद एंबुलेंस आई| सूचना मिलते ही SDM अनिल कुमार तत्काल सरकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को घायलों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए| वही पूर्व पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी पांडे के पति धर्मानंद पांडे, पूर्व कांग्रेस विधायक हेमेश खर्कवाल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया|

भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी 12 बजे टनकपुर  पहुंचे| उन्होंने फोन पर वार्ता में बताया कि वह देहरादून से टनकपुर की ओर निकले थे. उन्हें इस घटना का बहुत अफसोस है| उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी चंपावत से वार्ता की थी. उन्होंने बताया कि फौरी राहत के रूप में मृतक के परिवार को 50000 गंभीर रूप से घायल के परिजनों को 25000 और मामूली घायलों को ₹10000 मंदिर समिति की ओर से दिए जाएंगे| कैलाश गहतोड़ी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में बात की है और सरकार की ओर से मृतकों घायलों के परिजनों को अलग से सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी|

अस्पताल में जमा भीड़.

हाल ही में मनाया था सड़क सुरक्षा सप्ताह , डंपरों पर नहीं लगी लगाम
बता दें कि टनकपुर पुलिस ने हाल ही में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया था जिसके तहत जनता को यातायात के नियमों का पालन करने का पाठ पढ़ाया गया था| इसके बावजूद बेकाबू डंपरों पर शिकंजा नहीं कसा जा सका है| उम्र पूरी कर चुके कई डंपर अभी खनन के कार्य में लगे हुए हैं| कुछ दिन पहले इसी तरह का एक हादसा सेंट फ्रांसिस स्कूल के पास हुआ था जिसमें एक मासूम ने अपनी जान गवां दी थी| टनकपुर की सड़कों पर बेखौफ घूम रहे इन वाहनों के संबंध में इंडिया टाइम 24 दिन पहले भी आशंका जताते हुए प्रशासन को चेताया था लेकिन प्रशासन नहीं जागा| शुक्रवार सुबह हुए हादसे में मिला यात्रियों को डंपर द्वारा कुचलने के बाद एक बार फिर मां पूर्णागिरि के दरबार आने वाले श्रद्धालुओं और मेला यात्रियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं| कहीं ना कहीं यह मेला प्रशासन की चूक को दर्शाता है| यदि अभी डंपरों पर लगाम नहीं लगाई गई तो फिर किसी हादसे का सबब बन सकते हैं|

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