कुरुक्षेत्र, ओहरी
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की फाउंडेशन के सदस्य एवं मौजूदा सत्तारूढ भाजपा पार्टी के नेता सूरजभान कटारिया ने कहा कि मौजूदा समय में आंदोलनरत सफाई कर्मचारियों के प्रति सरकार को बिना देर किए गंभीरता से उनकी समस्याओं और मांगों पर विचार करना चाहिए। जिस प्रकार एक ओर आज देश के सम्मानित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सफाई कार्य में लगे दलित वर्ग के कर्मचारी जो कि सूरज निकलने से पहले ही शहरों और गांवों में गंदे-कूड़ेे करकट एवं नालियों की सफाई करते हैं और समाज को बीमारियों से दूर रखते हैं वे लोग कई दिनों से अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए आंदोलनरत हैं कटारिया ने इस विषय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि समाज के सबसे घृणित कार्य को करने वाले सफाई कर्मचारी जो कि अपनी जान जोखिम में डालकर अनेक पीड़ाओं को झेल कर समाज को स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं। वे सफाई कार्य करते हुए अनेक सफाई कर्मचारी जहरीली गैस से प्रभावित होकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं और अनेक प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक रोगी हो चुके हैं। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी, केन्द्रीय सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पत्र लिखकर माग की है कि सफाई कार्यों में लगे सभी सफाई कर्मचारियों को नियमित किया और पुलिस कर्मचारियों के वेतन के समकक्ष साल में 13 माह का वेतन दिया जाना चाहिए। क्योकि जिस प्रकार पुलिस का कार्य जोखिम भरा है और ज्यादा समय का है ऐसी प्रकार सफाई कर्मियों का काम भी बहुत जोखिम भरा ही है।