बदहाल शिक्षा : चलो गांव की ओर – 2
अमित कुमार यादव
बिहार के गांव में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है| भ्रष्टाचार का दीमक देश के भविष्य को खोखला कर रहा है| ताजा उदाहरण खगड़िया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाली कठडूमर पंचायत नया प्राथमिक विद्यालय मुरलीडीह का है|
यहां पढ़ने वाले गरीब बच्चों के अभिभावकों और कठडूमर पंचायत की उपमुखिया निशा देवी ने बताया कि नया प्राथमिक विद्यालय मुरला टीम में उनके बच्चे शिक्षा ले रहे हैं| उन्होंने बताया कि वर्ष 1995 में ही ग्रामीणों ने मिलकर इस विद्यालय की जमीन की रजिस्ट्री करा दी थी| इतना ही नहीं ग्रामीणों के सहयोग से यहां पर उसका एक भवन भी तैयार करवा दिया गया था ताकि उनके बच्चों को शिक्षा के लिए अन्यत्र भटकना ना पड़े| इसके बाद वर्ष 2009 में विद्यालय भवन के निर्माण के लिए सरकार की ओर से राशि भी आई लेकिन प्रधानाध्यापक के आजकल-आजकल करने में आज तक भवन का निर्माण नहीं किया जा सका| अभिभावकों ने बताया कि 2014 से लेकर अब तक विद्यालय के छात्रों को ना तो छात्रवृत्ति दी गई है और ना ही स्कूल ड्रेस की राशि दी गई है| यह सारा पैसा कहां गया कुछ पता नहीं| उन्होंने प्रधानाध्यापक पर आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चे कम ही रहते हैं लेकिन फर्जी हस्ताक्षर कर मिड डे मील के पैसे का भी गबन किया जा रहा है| पिछले 12 वर्षों से मिड डे मील में यह खेल चल रहा है| उन्होंने बताया कि जब पानी सर से ऊपर हो गया तो सभी ग्रामीण अभिभावक एकजुट होकर प्रधानाध्यापक के पास गए और उनसे भवन निर्माण कराने छात्रवृत्ति व पोशाक की राशि देने को कहा| इस पर राशि देना तो दूर प्रधानाध्यापक ने गुपचुप तरीके से नया प्राथमिक विद्यालय मुरलाडीह को मध्य विद्यालय कठडूमर में शिफ्ट करवा लिया| हैरानी की बात यह है कि मध्य विद्यालय कठडूमर से नया प्राथमिक विद्यालय मुरलाडीह की दूरी 3 किलोमीटर है| उनका कहना है कि इतने छोटे-छोटे बच्चे 3 किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय कैसे जाएंगे जबकि कोसी इलाके में किसी प्रकार की वाहन सुविधा भी नहीं है|
हैरानी की बात तो यह है कि पिछले कई सालों से बच्चों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी| अगर मामला उनके संज्ञान में था तो फिर इस दिशा में कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की गई| इतना ही नहीं जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की| अब अभिभावकों का गुस्सा उफान पर है| उन्होंने स्थानीय सांसद चौधरी महबूब अली कैसर को शिकायत पत्र देकर नया प्राथमिक विद्यालय मुरला टीम को मूल जगह पर वापस करते हुए भवन का निर्माण कराने छात्रवृत्ति एवं पोशाक की राशि वितरित करने और दोषी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है|
विरोध प्रदर्शन करने वालों में कठडुमर पंचायत के उप मुखिया निशा देवी, जितेंद्र कुमार, सुरेश यादव, विजय यादव, मालिक यादव, खरनी देवी, रामदेव शर्मा, संजीव यादव, अनिल यादव, राहुल यादव, हुकुम यादव, अशोक यादव, मोहम्मद मंजूर, मोहम्मद नौशाद, मोहम्मद सलाम, राजकिशोर चौधरी, उमेश यादव रामदेव यादव, हीरा यादव एवं राधा यादव समेत बड़ी संख्या में बच्चों के अभिभावक शामिल हैं|