नई दिल्ली| देश भर की 10 विधानसभा सीटों और 4 लोकसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का दम निकल गया है| भंडारा गोदिया की एक सीट छोड़ दें तो अन्य 13 सीटों पर BJP हारने की कगार पर पहुंच गई है|
ताजा रुझान के मुताबिक यूपी की कैराना सीट पर भाजपा की विरोधी राष्ट्रीय लोक दल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन जीत गई हैं| महाराष्ट्र की भंडारा गोंदिया सीट पर बीजेपी की जीत तय है वहीं पालघर में भी बीजेपी आगे चल रही है| नागालैंड की लोकसभा सीट पर कांग्रेस समर्थित एनपीएस आगे चल रही है|
वही बात अगर विधानसभा सीटों की करें तो नूरपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नईमुल हसन जीत गए हैं| केरल की चेन कन्नूर विधानसभा सीट पर सीपीएम के सजी चेरियन झारखंड की सिल्ली विधानसभा सीट से झामुमो की सीमा देवी बिहार की जोकीहाट सीट से राजद उम्मीदवार, पश्चिम बंगाल की महेशतला विधानसभा सीट से टीएमसी के दुलाल दास, मेघालय की संपत्ति सीट से कांग्रेस की मियानी डी शिरा ने जीत दर्ज कराई है| वही उत्तराखंड की थराली विधानसभा सीट पर भाजपा की मुन्नी देवी और झारखंड की गोमिया सीट से भाजपा उम्मीदवार आगे चल रहे हैं| इसके अलावा कर्नाटक की आर आर नगर विधानसभा सीट कांग्रेस ने जीती है|
गोरखपुर व फूलपुर के बाद विपक्षी दलों की यह भी ऐतिहासिक जीत है। 2014 में यूपी में हर पार्टी से खड़ा किया गया मुस्लिम प्रत्याशी हार गया था। कैराना की जीत यूपी के पुराने हिंदू मुस्लिम भाईचारे को क़ायम करने में मदद करेगी। वरना जिस तरह जिन्ना की आड़ में जो साज़िश रची गई थी उससे इस एकता को पलीता लगाने की पूरी कोशिश की गई थी।
चौधरी चरण सिंह और महेंद्र सिंह टिकैत की धरती हमेशा से इस एकता की मिसाल रही है। बीच में भगवा रंग ने तिरंगे की चमक को कम किया लेकिन वह चमक लौट रही है।
बिहार में भी लालू की पार्टी आरजेडी ने दोनों उपचुनावों में शानदार वापसी की है। बहरहाल, बड़ी मंज़िल अभी भी दूर है।
संघी मानसिकता से लबरेज़ मीडिया के लिए अभी भी मौक़ा है कि वह अपनी साख बचा ले। कैराना में हिंदुओं के पलायन की झूठी खबर फैलाने में मीडिया ने इस बार भी कोई कमी नहीं छोड़ी।…लेकिन इस बार वहाँ की जनता ने भाजपा को पलायन के लिए मजबूर कर दिया है।
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