दिवाकर, पटना
प्रदेश में शराब और गुटखा पर प्रतिबंध लगाने के बाद बिहार सरकार अब खेली को प्रतिबंधित करने की तैयारी कर रही है| बिहार सरकार अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर खैनी को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के तहत खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल करने की मांग करने जा रही है|
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इस एक्ट के तहत कोई भी खाद्य पदार्थ किसमें तंबाकू अथवा निकोटीन मौजूद है उसे प्रतिबंधित किया गया है लेकिन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट के तहत खैनी खाद्य पदार्थ नहीं है| प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ संजय कुमार का कहना है कि वह इस संबंध में जल्द ही केंद्र सरकार को लिखने जा रहे हैं कि खैनी को वह एफएसएसए के तहत खाद्य पदार्थों की सूची में शामिल करें| बिहार सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबंध लगाने के बाद से ही स्वास्थ्य विशेषज्ञ खैनी पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते आ रहे हैं|
ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे के मुताबिक विश्व के 25.9 तंबाकू खाने वाले अकेले बिहार राज्य से हैं| इनमें 23.5 प्रतिशत धूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन करने वाले हैं| इनमें भी 20.5% सिर्फ खैनी उपभोक्ता हैं|