राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
ठुलीगाड़ 3 मार्च को शुरू हुए मां पूर्णागिरि मेले का आज बेस कैंप ठुलीगाड़ में समापन हुआ. जिला पंचायत अध्यक्ष ,खुशाल सिंह अधिकारीअपर मुख्य अधिकारी और मेला मजिस्ट्रेट अनिल कुमार चन्याल, मंदिर समिति अध्यक्ष भुवन पाण्डे ओर पुलिस के अधिकारियों की उपस्थिति में मेले के समापन की घोषणा की गई.
अब मेले में यात्रियों को ककराली गेट से मार्ग में लाइट की व्यवस्था, मेला क्षेत्र ठुलीगाड़ से मुख्य मंदिर तक लाइट, पानी और खोया पाया केंद्र साथ ही पुलिस की घनी व्यवस्था और मेडिकल कैम्प,108, सीसीटीवी आदि से महरूम होना पड़ेगा. इस वर्ष मेला अन्य वर्ष की अपेक्षा कुछ कम रहा पर मेले का सबसे दुखद पहलू यह रहा कि दर्ज़नो के हिसाब से मार्ग दुघर्टना में भक्तों की जान गई. उसमें भी सबसे बड़ी दुर्घटना नवाबगंज से आ रहे पैदल भक्तों को तेज रप्तार डम्पर ने रौंदा जिसमें 11 भक्तों की जान गई और दर्जनों घायल हो गए. टनकपुर के इतिहास में यह घटना पहली बड़ी काली घटना के रूप में दर्ज हो गई. हद तो जब हो गई उत्तराखंड सरकार ने मरने वालों के परिवारों को फूटी कौड़ी भी नहीं दी.
अलबत्ता मंदिर समिति ने कुछ सहयोग अपने पास से किया. समापन में वक्ताओं ने सभी सहयोगियों का धन्यवाद जताया और विश्वास जताया कि यदि भूल वश कोई कमी इस बार रही होगी तो अगले बर्ष नहीं रहेगी.