रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट के पलामू पंचायत स्थित गिदरपटका में वन अधिकार को लेकर नया सवेरा विकास केंद्र एवं ओक्स एम इंडिया के सहयोग से एक जागरूकता अभियान सह सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में हजारीबाग के प्रशिक्षक जमुना राम ने कहा कि वन भूमि में निवास करने वाले आदिवासी व वनवासियों के साथ न्याय नही हो रहा है। ऐसे में आदिवासी व वनवासियों को जागरूक होकर अपने अधिकार को लेकर आगे आना होगा। इसके लिए उन्हें वन अधिकार अधिनियम कानून 2006-07 को जानना जरूरी है। जिसके तहत ग्राम सभा के माध्यम से वास्तविक व्यक्ति वनाधिकार पट्टा का दावा प्रस्तुत कर सकता है। तभी आदिवासी एवं वनवासी को हक अधिकार मिलेगा। झारखंड राज्य में 27 फीसदी आदिवासी व 30 फीसदी वनवासी जंगलों में निवास करते हैं। कुल 57 फीसदी मेें से झारखंड सरकार 60000 वन अधिकार का अधिकार पत्र दिया है। जिस कारण जंगल में रहने वाले अधिकार से वंचित परिवार वन कानून का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। वन कानून में दो अधिकार है। जिला प्रशासन लोगों को वन अधिकार अधिनियम के प्रति जागरूक करेगा। इसको लेकर प्रशासन प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित करेगा। वन अधिकार अधिनियम को लागू किए हुए दस वर्ष हो गए हैं लेकिन अभी तक उसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया है। इस कारण पात्र लोगों को उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं। इस अधिनियम के तहत आमतौर पर व्यक्ति या सामुदायिक दावों प्रकलन या तो अधूरे होते हैं या सही तौर पर कागजात संलग्न नहीं होते हैं। ऐसे में लोगों तथा विभागों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सेमिनार में ऊपरघाट के विभिन्न पंचायतों के वन समिति के सदस्यों में रामस्वरूप, सुनील कुमार तिवारी, डेगलाल महतो, बंशी हांसदा, दिनेश हांसदा, रूपा कुमारी, उमेश महतो, हीरालाल तूरी, मदन हेंब्रम सहित कई लोग शामिल थे।
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