राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
दिनांक 03.03.2018 से जनपद चम्पावत में प्रारम्भ माँ पूर्णागिरी मेले का समापन दिनांक 15.06.2018 को हो गया है । इस दौरान समापन होने तक 14,70,080 दर्शनार्थियों द्वारा मॉ पूर्णागिरी मन्दिर में दर्शन किये गए। मेले में 1,52,200 चार पहिया वाहन, 1,51,102 मोटर साईकिल, 6520 बस, 2012 केन्टर, 2791 पिकअप, 1210 ट्रैक्टर ट्राली, 25000 साईकिलों में एवं ट्रेन के माध्यम से श्रद्वालु आये। मेले में जनपद चम्पावत के अतिरिक्ति जनपद उधमसिंहनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर से प्राप्त पुलिस बल, एसडीआरफ, तैराक दल, पीएसी, ट्रैफिक पुलिस, फायर सर्विस, बम डिस्पोजल स्क्वायड, गोताखोर पुलिस को मेले को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु नियुक्त किया गया था। माँ पूर्णागिरी मेले में पुलिस द्वारा खोया पाया केन्द्र एवं सीसीटीवी की मदद से बिछड़े 1515 स्त्री- पुरुष, बालक- बालिकाओं को उनके परिजनों से मिलाया गया ।
शारदा नदी में नहाते समय 07 श्रद्वालुओं को तैराक दल द्वारा डूबने से बचाया गया। मन्दिर क्षेत्र में चट्टान से खाई में गिरी एक बालिका को एसडीआरएफ तथा स्थानीय पुलिस टीम द्वारा सकुशल रेस्क्यू कर बचाया गया । मन्दिर क्षेत्र में खाई की ओर पूजा सामग्री में लगी आग को एसडीआरफ, फायर सर्विस एवं पुलिस टीम द्वारा कुशलता से बुझाकर एक बहुत बढ़ा अग्नि काण्ड होने से रोका गया । मेले के दौरान दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रो में चेतावनी बोर्ड लगाये गये तथा श्रद्वालूओ को जागरुक करते हुए पुलिस एवं क्यूआरटी टीम द्वारा जगपूडा पुल बनबसा से ककराली गेट टनकपुर तक माँ पूर्णागिरी मेलें में दर्शनों को आने-जाने वालो श्रद्धालूओं के जत्थों को सकुशल पुलिस की सुरक्षा/ निगरानी में सुरक्षित पहुचाया गया । पूर्णागिरी मेंले के मार्गो पर श्रद्वालूओं की सुरक्षा एवं शान्ति व्यवस्था हेतू जगह- जगह पर पुलिस की ड्यूटी लगायी गयी तथा श्रद्वालूओं से मेले की सुरक्षा एवं शान्ति व्यवस्था के बारे में फीड बैक लिया गया जिसमें श्रद्वालूओं द्वारा विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष ट्रैफिक, कानून एवं शान्ति व्यवस्था तथा पुलिस कर्मचारियों के मधूर व्यवहार एवं तत्काल सहायता के सम्बन्ध में पुलिस एवं प्रशासन की सराहना की गयी । यद्यपि पिछले वर्ष माँ पूर्णागिरि मेले में दर्शनो हेतु 29,00,165 दर्शनार्थियों द्वारा माँ पूर्णागिरी के दर्शन किये थे परन्तु इस वर्ष ट्रेन की सुविधा होने के पश्चात भी माँ पूर्णागिरि मेले में दर्शनों हेतु कम लोग पहुचें ।