बिहार

छुट्टी के बाद खुले बैंक, रहा अफरातफरी का माहौल

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आज़ाद इदरीसी, हसनपुर

मंगलवार को बैंक खुलने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में गहमा गहमी का माहौल रहा। पेंशन व सेलरी के लिए महज एक कैश काउंटर होने से धनराशि का आहरण होने से सुबह से लम्बी लम्बी लाइनों में लगे लोग परेशान हुए। लाइन में लगे ग्राहकों में बैंककर्मियों की कार्यशैली के प्रति नाराजगी दिखाई दी।

भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत हो लेकिन बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मनमानी व उदासीनता से बैंक में पैसे निकालने के लिए उपभोक्ताओं को आज भी घंटों लाइन में जूझना पड़ता है। इसकी एक बानगी मंगलवार को हसनपुर बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में देखने को मिली। रविवार को अवकाश होने के बाद बैंक में भीड़ होना स्वाभाविक था। इसके साथ ही पेंशनरों तथा सेलरी निकालने वालों की संख्या से भी अच्छी खासी भीड़ सुबह से बैंक खुलते ही लगने लगी। कहने को तो एसबीआई की यह मुख्य शाखा है लेकिन स्टाफ की कमी के कारण यहां बैंक में निकासी के लिए महज एक काउंटर को ही चालू किया गया है। जबकि बड़ी धनराशि की निकासी के लिए एक अलग काउंटर है। दो नम्बर काउंटर पर महिला व पुरुषों की अलग अलग लाइन निकासी के लिए लगी तो वहां गहमा गहमी का माहौल हो गया। किसी तरह धक्का मुक्की करके सुबह से लेकर शाम तक लोग धनराशि निकासी के लिए जददोजहद करते रहे,पैसे निकालने के लिए लाइन में लगे वृद्ध मो.दाऊद निवासी मरांची उजागर, सोनू सिंह निवासी हसनपुर,मो.अफरोज अनवर,रामचंद्र यादव,आशुतोष सिंह,रामरतन यादव आदि ने बताया कि जब भी बैंक में अपनी पैसा लेने के लिए आते हैं तो घंटों लाइन में लगने के बाद ही रुपए मिल पाते हैं। इससे अच्छा तो किसी प्राइवेट बैंक में खाता होता तो कम से कम इतनी परेशानी तो नहीं उठानी पड़ती,एसबीआई कृषि विकास शाखा में सुविधाओं के नाम पर मनमानी की जा रही है। लाइन में लगे ग्राहकों को भीषण गर्मी में अन्दर लगे एसी तक बंद होने से पसीने में लथपथ घंटों लाइन में मशक्कत करनी पड़ती है। तब जाकर के उन्हें अपने ही पैसे हाथ में मिल पाते हैं वही दूसरी ओर बैंक के भारतीय स्टेट बैंक की कृषि विकास शाखा में तैनात बैंक के सुरक्षाकर्मियों का व्यवहार यहां आने वाले ग्राहकों के प्रति सही नहीं है। सुरक्षाकर्मी बेवजह किसी भी ग्राहक ने अगर फोन हाथ में निकाल भी लिया चाहे वह बात कर रहा हो या ना कर रहा हो तो भी उससे बड़ी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए परिसर से बाहर जाने की धमकी देते हैं। इसके साथ ही लाइन में लगे लोगों से भी उक्त सुरक्षाकर्मी दिन में अकसर कई कई बार बिना किसी बात के अपनी डयूटी में कम बहसबाजी में लगे ज्यादा नजर आते हैं।

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