नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी सड़कों पर आ गई है| ताजा मामला बदरपुर इलाके का है| यहां बदरपुर के पूर्व कांग्रेस विधायक और पार्टी के बदरपुर जिला अध्यक्ष राम सिंह नेताजी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया| पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गए इस्तीफे में राम सिंह नेताजी ने इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है| उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको की कार्यप्रणाली से परेशान होकर मैं बदरपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं| मैं बिना पद के ही अपनी मातृ पार्टी कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा|
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मेरे इस्तीफा देने के नियम प्रमुख कारण है जिनमें पहला यह है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको केवल अखबारी लेता है और पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर उन्होंने कुछ नहीं किया| उन्होंने आरोप लगाया कि बदरपुर जिला में पीसी चाको ने 1-2 दलाल छोड़े हुए हैं जो उनके घर पर सब्जी दाल और आटा पहुंचाते हैं और उन्हें अपनी गाड़ी भी उपलब्ध करवाते हैं| साथ ही हर समय उनकी सेवा में उपलब्ध रहते हैं| किस के मार्फत इन्होंने दत्त नगर निगम चुनाव में कई टिकट बेचे और पैराशूट वाले उम्मीदवारों को टिकट दिलवा दिया| इसके चलते जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया| यह सभी पैराशूट उम्मीदवार न सिर्फ बुरी तरह हारे बल्कि अपनी जमानत भी नहीं बचा सके| प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हर चौथे दिन किसी न किसी मसले पर मीटिंग बुलाई जाती है जिसमें पूर्व विधायक, पूर्व पार्षद, जिला अध्यक्ष आदि को बोलने नहीं दिया जाता| सिर्फ पीसी चाको और अजय माकन अपनी बात कह कर मीटिंग समाप्त कर देते हैं| दिल्ली में अगर केंद्र की भाजपा और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ कोई प्रदर्शन किया जाता है तो उसमें भी यह नेता आते हैं और 15-20 मिनट में वीर के साथ फोटो खिंचवा कर प्रदर्शन समाप्त कर देते हैं| भारतीय जनता पार्टी के जो नेता दिन भर कांग्रेस के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं यह नेता रात के अंधेरे में उन्हीं के साथ मिलते हैं जो की चिंता का विषय है| इस तरह कार्य करने से यह दोनों दिल्ली में किस प्रकार कांग्रेस को मजबूती दिलाएंगे यह मेरी समझ से परे है| जब तक जमीनी कार्यकर्ता की बात सुनी नहीं जाएगी उनके साथ खड़ा नहीं हुआ जाएगा तब तक दिल्ली में कांग्रेस कैसे मजबूत हो सकती है, यह सोचने का विषय है| अतः मैं इन बातों को आपके संज्ञान में लाकर जिला अध्यक्ष पद के पद से इस्तीफा दे रहा हूं|