सोहना, संजय राघव
सोहना के समीप गांव बारोटा में प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है जहां सरकारी स्कूल के समीप एक कीटनाशक दवाई बनाने वाली कंपनी से उठने वाली गैस पढ़ रहे छात्र छात्राओं को बीमार कर रही है lवही इस गैस के दुष्प्रभाव से आसपास की 30 एकड़ से अधिक जमीन की फसल भी पूरी तरह से प्रभावित हो रही है lगैस के दुष्प्रभाव के कारण क्षेत्र में खड़े सभी पेड़ भी सूखने लगे हैं lइस संबंध में गांव के लोगों ने वह स्कूल प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को सूचित किया है व रोज का थाने में कंपनी संचालक के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई है पुलिस ने कंपनी संचालक को नोटिस देकर थाने बुलाया है lइस संबंध में कंपनी के संचालक ने कोई भी बात कहने से इंकार कर दिया.
प्रदेश सरकार छात्र-छात्राओं को देश का अगला भविष्य मान रही है लेकिन गांव बारोटा में स्थित सरकारी स्कूल में एक बीमार भविष्य तैयार हो रहा हैl स्कूल के समीप बरसों से पहले कीटनाशक दवाई की कंपनी खोल दी गई जिस से उठने वाली गैस अब स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को प्रभावित कर रही हैl हालाकि स्कूल की इमारत कंपनी से पहले वहां बनी हुई थीl छात्राओं ने बताया कि स्कूल में जाते ही गैस के कारण वहां जी मिचलाने लगता है उल्टी आने लगती हैं कई बार कई छात्राएं चक्कर खा खा गिर चुकी हैं lजिस दिन हवा का रुख स्कूल की तरफ होता है उस दिन हालात और भी दयनीय होते हैं
इस संबंध में स्कूल के प्रिंसिपल सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि हालत बहुत दयनीय है पहले सरकारी स्कूल बना हुआ था लेकिन उसके कई सालों बाद कीटनाशक कंपनी वहां पर खोल दी गई lबरसों से छात्र-छात्राएं इस गैस के शिकार हो रहे हैं वहीं कई बार इस मामले को लेकर आला अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी हैl लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया
इस मामले में गांव के पूर्व सरपंच धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कंपनी से उठने वाली दूसरी गैस के कारण कंपनी के नजदीक किसानों की करीब 30 एकड़ जमीन मैं कोई भी फसल नहीं होती है lसरसों की फसल या कपास की फसल होते ही फसल मुरझाने लगती है कपास की फसल में भारी नुकसान देखने को मिल रहा हैl इससे पहले भी फसलों में शिकायत आई थी जिस पर कंपनी ने किसानों को मुआवजा देकर उनका मुंह चुप करा दिया थाl लेकिन अब दोबारा अधिक गैस का रिसाव हो रहा है जिस कारण क्षेत्र में आसपास की कपास की फसल पूरी तरह से प्रभावित हो रही है lइस मामले में इससे पहले भी कंपनी संचालक को इस मामले की शिकायत की गई थी l पहले कम्पनी में हल्के कीटनाशक बनते थे लेकिन अब ज्यादा जहरीले कीटनाशक बनने लगे हैं lजिस कारण प्रदूषित गैस क्षेत्र में पूरी तरह से नुकसान कर रही है
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस समय कीटनाशक दवाई की कंपनी को बनाने की परमिशन दी गई उस समय आला अधिकारियों ने स्कूल को नजरअंदाज कर दिया lहालाकि स्कूल कंपनी से पहले बना हुआ है वह इन सभी चीजों को नजरअंदाज कर कंपनी को दवाई बनाने की इजाजत दे दी lआला अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज छात्र छात्राओं को शरीर पर उस गैस का हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है lलेकिन आज भी प्रशासन पूरी तरह से मौन है.