पंजाब

निगम ने मिट्टी के खेल में लुटा दिए साढ़े पांच करोड़, स्टेट विजिलेंस से करूंगा शिकायत : ओबरॉय

Share now

नीरज सिसौदिया, जालंधर
कंगाली के दौर से गुजर रहा नगर निगम ठेकेदारों पर गलत तरीके से करोड़ों रुपए लुटा रहा है| पैसे की ऐसी ही बर्बादी नगर निगम ने सिटी स्केप प्रोजेक्ट में की है| निगम की ओर से मिट्टी की जगह मलबा डालने वाले ठेकेदार को 5.5 करोड़ रुपए कब तक गलत तरीके से कर दिया गया| यह दावा पूर्व पार्षद और वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह ओेबरॉय ने किया है| उन्होंने पहले भी इसकी शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से लेकर एसपी विजिलेंस तक से की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर अब वह स्टेट विजिलेंस से शिकायत करने जा रहे हैं|


बता दें कि लगभग 18 करोड़ रुपए की सिटी इसके प्रोजेक्ट के तहत शहर का सुंदरीकरण किया जाना था| इसके अंतर्गत शहर में सेंट्रल वर्ज में मिट्टी डालकर वहां पौधे लगाने का भी काम किया जाना था| नगर निगम के ठीक सामने जब सेंट्रल वर्ज में मिट्टी की जगह मलबा डाला जा रहा था तो तत्कालीन डिप्टी मेयर हरविंदर कौर ओबरॉय के पति और पूर्व पार्षद एवं वरिष्ठ अकाली नेता कुलदीप सिंह ओबेरॉय ने इसकी वीडियोग्राफी कर ली थी| इसके बाद मिट्टी का यह खेल अखबारों की सुर्खियां बना लेकिन तत्कालीन मेयर सुनील ज्योति के कारण मलबा नहीं हटाया जा सका| कुलदीप सिंह ओबेरॉय ने जब इसकी शिकायत विजिलेंस से की तो नगर निगम अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए और उन्होंने सिटी स्केप प्रोजेक्ट ही कैंसिल कर दिया| इस दौरान जितना काम हो चुका था उस काम का ठेकेदार को लगभग 5.5 करोड़ रुपए दे दिया गया| इस भुगतान पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कुलदीप सिंह ओबरॉय ने कहा कि जब ठेकेदार ने काम सही तरीके से किया ही नहीं तो फिर उसे भुगतान क्यों किया गया? उनका कहना है कि आज भी सेंट्रल वर्ज में मिट्टी की जगह मलबा ही डाला गया है मिट्टी सिर्फ नाम मात्र की डाली गई है| उन्होंने इस पूरे मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की है| ओबरॉय ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से इस पूरे खेल को अंजाम दिया गया है| उन्होंने कहा कि सिर्फ इस मामले में ही नहीं बल्कि अन्य कई मामलों में भी फर्जी बिल बनाकर ठेकेदार को भुगतान किया गया है जिसका वह जल्द ही खुलासा करेंगे|
इस संबंध में नगर निगम के बीएंडआर विभाग के एसई अश्विनी चौधरी ने बताया कि ठेकेदार को गलत तरीके से कोई भुगतान नहीं किया गया है| उसके कुछ कामों में कमियां पाई गई थी जिसके कारण उसका भुगतान भी काट लिया गया था| उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने अपने पूरे भुगतान के लिए अदालत में केस भी किया है| ऐसे में गलत तरीके से भुगतान कैसे किया जा सकता है? वहीं, विभाग के एक्सईएन राहुल धवन का कहना है कि ठेकेदार को कोई भुगतान ही नहीं किया गया है. उसका 10 लाख रुपए काट लिया गया है|
हैरानी की बात है कि एक तरफ तो बी एंड आर के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर असली चौधरी कहते हैं कि ठेकेदार को भुगतान किया गया है लेकिन उसका काफी पैसा कमियों के कारण काट दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ राहुल धवन कहते हैं कि ठेकेदार को पेमेंट ही नहीं किया गया है| नगर निगम के अफसरों की अलग-अलग बयानबाजी यह साबित करती है कि दाल में कुछ काला जरूर है|
बहरहाल, कुलदीप सिंह ओबरॉय अब स्टेट विजिलेंस के पास शिकायत करने जा रहे हैं| उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट की सही तरीके से विजिलेंस जांच होगी तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी|

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *