राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट इंडो नेपाल सड़क का फाइनल सर्वे सुरु अधिकारियों ने किया स्थलीय निरीक्षण आपको बताते चले कि भारत और नेपाल के बीच सदियो से रोटी बेटी के रिश्ते चले आ रहे है दोनों देसो के बीच आने जाने पर कोई पाबन्दी नही है साथ ही दोनों देसो के रीति रिवाज भी एक जैसे है.
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जब विदेश यात्रा पर नेपाल गए तो वह वहाँ कई समझौते कर के आये जिसमे टनकपुर से नेपाल सड़क और पूर्व से लंबित शारदा बैराज से सिचाई नहर आज जिले के जिलाधिकारी सुरेंद्र नारायण पांडे, टनकपुर पावर स्टेशन के महाप्रबंधक रहीस मिया, उपजिलाधिकारी अनिल कुमार गर्व्याल, रेंजर शारदा गोविंद रजवार,डीएलम हरीश पाल ओर अन्य अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण किया.
इस नहर के बनने से जहाँ नेपाल को पानी मिलेगा वही सड़क बनने से टनकपुर ब्रमदेव के बीच यातायात बढेगा ओर सीमांत बनबसा की तरह नेपाली ग्राहकों से टनकपुर बाजार लबरेज़ रहेगा और पूर्णा गिरी दर्शन कर सिद्ध बाबा जाने वाले यात्रियों को भी आसानी होगी वही रेंजर रजवार ने बताया कि बेराज निर्माण के समय से 1991 से नहर का मामला लंबित था यह वनविभाग के शारदा रेंज के पिलर संख्या 41 के नजदीक से जाएगी जो नेपाल सीमा तक जाएगी और नेपाल में नेपाल सरकार इसका निर्माण करेगी.
इसमें कुल 1.2 किमी की लंबाई में अनेकों प्रजाति के विभिन्न साइजो के 1600 पेड़ कटेंगे ओर निमार्ण संस्था NHPC विभाग को नुकसान की भरपाई देगा और दोगुने अर्थात 3200 पेड़ लगाने को जगह और व्यवस्था के पैसे देगा. वहीं, सड़क की लंबाई शारदा बैराज से ब्रह्मदेव तक 1.3 किमी है. वह भी शारदा रेंज से जाएगी लेकिन उसमें कोई भी पेड़ इत्यादि नहीं हैं. लोगों का मानना है कि मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के निर्माण शुरू होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई.