नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
गुरुवार को जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के निधन पर पूरा देश शोक में डूबा हुआ था वहीं कुछ प्रशंसकों के निवेदन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल बर्थडे केक काटने पर मजबूर हुए| केक काटते हुए उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और विरोधियों ने इसे हथियार बना लिया|
भाजपा नेताओं का कहना है कि एक तरफ जहां पूरा देश शोक में डूबा हुआ था वही अरविंद केजरीवाल सुर्खियां बटोरने के चक्कर में अपना बर्थडे मना रहे थे| हालांकि केजरीवाल ने अटल बिहारी वाजपेई के निधन के बाद यह ऐलान कर दिया था कि वह अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे| इसके बावजूद उन्होंने बर्थडे केक काटकर समर्थकों के साथ जन्मदिन का जश्न मनाया जिसकी वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई| इसके बाद केजरीवाल की जमकर फजीहत हुई|
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अटल जी के निधन के बाद यह ऐलान कर दिया था कि वह अब अपने जन्मदिन का जश्न नहीं मनाएंगे| बताया जाता है कि इसके बाद पार्टी के नेता और उनके समर्थक अरविंद केजरीवाल के पास केक लेकर पहुंचे और उनसे केक काटने का आग्रह किया। इस पर केजरीवाल ने बकायदा बर्थडे केक काटा और जन्मदिन का जश्न मनाया|
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मटिया महल विधानसभा क्षेत्र के कोषाध्यक्ष नईम मलिक ने बताया कि शाम को 5 बज के 5 मिनट पर जब अटल बिहारी वाजपेई जी का निधन हुआ था तो अरविंद केजरीवाल जी ने मेरे सामने ही अपना जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने की घोषणा की थी| इसके बाद उन्होंने जन्मदिन का जश्न आधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया था| मैं उनके साथ अटल बिहारी वाजपेई जी को देखने के लिए एम्स गया था। केजरीवाल ने अपनी तरफ से किसी भी जन्मदिन समारोह का आयोजन नहीं किया था| पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ता और नेता उनके पास बर्थडे केक लेकर गए थे| केजरीवाल ने उन्हें भी कके काटने से इंकार कर दिया था लेकिन काफी आग्रह करने के बाद वह केक काटने को तैयार हुए| इसे जश्न का नाम देना गलत है| अटल बिहारी के निधन से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भी उतनी ही शोकाकुल है जितनी कि अन्य पार्टियां या आम आदमी| उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई किसी पार्टी विशेष के नेता नहीं थे बल्कि सभी दलों के साथ उनका व्यवहार मित्रतापूर्ण था और वह सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे| ऐसी महान आत्मा के निधन पर विरोधियों को राजनीति करने से बचना चाहिए|
इस संबंध में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका|