नीरज सिसौदिया, जालंधर
नया बाजार में अतिक्रमण हटाने के मामले पर अब जनवरी में उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी| पिछली तारीख में अदालत बंद होने के कारण अगली तारीख जनवरी माह की दी गई है| बता दें कि नया बाज़ार में 90 से अधिक अवैध निर्माणों को गिराने के आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने लगभग 1 साल पहले ही दे दिए थे| इसके बाद नगर निगम की टीम ने यहां किस्तों में कार्रवाई करते हुए कई अवैध कब्जे ढहा भी दिए लेकिन 11 दुकानदार अब भी अवैध कब्जे नहीं हटा सके हैं|
पिछले दिनों नगर निगम की टीम इन 11 दुकानों पर कार्यवाही करने आई थी लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के विरोध के चलते उसे वापस लौटना पड़ा था| पहले तो इस मामले को लेकर सभी दुकानदार हाईकोर्ट की शरण में चले गए थे लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया और उनकी याचिका भी खारिज कर दी थी| इसके बाद जब दुकानदारों के अवैध कब्जे गिराने के लिए नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची तो दुकानदारों ने खुद ही कब्जे गिराने का भरोसा देकर टीम को वापस लौटा दिया था| इसके बाद इन दुकानदारों ने अपने अवैध कब्जे तोड़ने भी शुरू कर दिए थे लेकिन अभी तक पूरी तरह से अवैध कब्जे नहीं हटाए जा सकते हैं| सूत्र बताते हैं कि दुकानदारों ने अवैध कब्जे हटाने के लिए एफिडेविट देकर 4 दिन का समय मांगा था| यह समय तो पूरा हो गया है लेकिन नगर निगम की टीम ने अभी तक इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है|
निगम की इस सुस्त चाल के चलते उस पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं| निगम के ढुलमुल रवैये के चलते उन दुकानदारों में रोष व्याप्त है जिन्होंने खुद ही अपने अवैध कब्जे गिरा दिए थे या नगर निगम की टीम में उनके अवैध कब्जे गिराने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाई थी| इन दुकानदारों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी पक्षपात करने में लगे हुए हैं| उनका यह भी आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने माननीय हाईकोर्ट के आदेशों को भी मजाक बनाकर रख दिया है| उनका कहना है कि जिन दुकानों के 8 से 10 फुट अवैध कब्जे हैं उन्हें मात्र 3 से चार फुट ही अवैध कब्जे गिरा कर राहत देने की तैयारी चल रही है। दुकानदारों का कहना है कि सभी के कब्जे उसी अनुसार हटाए जाएं जिस अनुसार हाईकोर्ट के निर्देश दिए हैं| अगर नगर निगम के अधिकारियों ने इसमें कोई भी ढिलाई बरतने की कोशिश की तो सभी दुकानदार मिलकर इन 11 दुकानदारों के खिलाफ हाईकोर्ट भी जाने से पीछे नहीं हटेंगे|
इस संबंध में एटीपी लखबीर सिंह ने बताया कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के निधन के चलते अदालत में पिछली तारीख को अवकाश घोषित कर दिया गया था जिस कारण सुनवाई नहीं हो सकी| मामले की अगली तारीख जनवरी माह में पड़ी है| उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा| नया बाजार पर कार्रवाई हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही की जाएगी. इसमें कोई भी ढिलाई बरतने का सवाल ही नहीं उठता|