पंजाब

विधायक के करीबी को फायदा पहुंचाने के लिए ट्यूबवेल के प्रस्ताव पास करने की तैयारी में एफएंडसीसी, बैठक आज तीन बजे

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों को दरकिनार कर नगर निगम में एक कांग्रेस विधायक के करीबी को फायदा पहुंचाने के लिए एफएंडसीसी की बैठक में ट्यूबवेल के कई प्रस्ताव पास करने की तैयारी चल रही है|
बता दें कि एफएंडसीसी की बैठक आज दोपहर 3:00 बजे नगर निगम में होगी| इसमें कुल 30 प्रस्ताव रखे जाएंगे| मता नंबर 144 से 149 तक ट्यूबवेल बोरिंग के रखे गए हैं| बता दें कि गिरते भूजल स्तर के चलते जालंधर को डार्क जोन में शामिल किया गया है| एनजीटी के निर्देशानुसार कोई भी ऐसा जिला जो डार्क जोन घोषित हो चुका है उसने ट्यूबवेल बोरिंग नहीं की जा सकती| अगर ऐसा किया जाता है तो यह पूरी तरह से अवैध होगा और इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है| इसके बावजूद जालंधर में आज होने वाली नगर निगम के एफएंडसीसी की बैठक में ट्यूबवेल बोरिंग के प्रस्ताव रखे गए हैं|

सूत्र बताते हैं कि मेयर जगदीश राज राजा ने एक विधायक के करीबी को फायदा पहुंचाने के लिए यह प्रस्ताव मीटिंग के एजेंडे में शामिल करवाए हैं| अगर यह प्रस्ताव पास हो जाते हैं तो यह ट्यूबवेल लगाने का ठेका भी विधायक के करीबी को दिया जाएगा इसकी पुष्टि सूत्र करते हैं| हालांकि , आधिकारिक तौर पर किसी ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। बहरहाल डिप्टी मेयर हर सिमरनजीत सिंह बंटी इस मुद्दे पर चर्चा करने जा रहे हैं| वह बैठक में इसे प्रमुखता से उठाने वाले हैं लेकिन जिन इलाकों में ट्यूबवेल के प्रस्ताव शामिल किए गए हैं उन इलाके के लोगों को पेयजल की समस्या ना हो इसके वैकल्पिक उपाय पर भी मंथन किया जाएगा| यह बात बंटी पहले ही कह चुके हैं|

एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाने की तैयारी में एफएंडसीसी, डार्क जोन के बाद भी ट्यूबवेल लगाने जा रहे राजा, पूरे शहर में गहराएगा जलसंकट – India Time 24 https://indiatime24.com/2018/08/26/mayor-trying-to-break-guideline-of-national-green-tribunal/#.W4JGpYRbsEs.whatsapp
अब देखना यह होगा कि एनजीटी के आदेश भारी पड़ते हैं या विधायक का दबाव| अगर ऐसा हुआ तो भविष्य में मामले की उच्चस्तरीय जांच अगर कराई जाएगी तो सियासतदानों का भले ही कुछ ना हो लेकिन नगर निगम के अधिकारी नप जाएंगे। ठीक उसी तरह से जिस तरह से पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में अवैध निर्माणों को राजनीतिक दबाव में हरी झंडी देने वाले बिल्डिंग इंस्पेक्टर, assistant टाउन प्लानर, म्यूनिसिपल टाउन प्लानर और सीनियर टाउन प्लानर वर्तमान में सस्पेंशन की मार झेल रहे हैं|

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