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1 अक्टूबर से ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगेंगे ये दो टैक्स

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कुरुक्षेत्र, ओहरी

1 अक्टूबर से ई-कॉमर्स कंपनियों को भी जीएसटी के तहत सप्लायर्स को किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीसीएस लेना होगा. राज्य भी एसजीएसटी कानून के तहत एक प्रतिशत टीसीएस लगा सकते हैं.केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि सीजीएसटी के तहत अधिसूचित इकाइयों को 1 अक्टूबर से 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के गुड्स एंड सर्विसेस की सप्लाई पर 1 फीसदी टीडीएस लेना होगा. इसके अलावा राज्य, एसजीएसटी के तहत 1 फीसदी टीडीएस लगाएंगे. माना जा रहा है इस फैसले से अर्थव्यवस्था में टैक्स अधिकारियों की पहुंच बढ़ेगी और इससे टैक्स की चोरी में भी कमी आएगी.


ईएंडवाई में टैक्स पार्टनर अभिषेक जैन का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को टीसीएस के लिये और पी एस यू/सरकारी कंपनियों को टीडीएस के लिए अपनी प्रणाली जल्द तैयार करनी होगी ताकि वे एक अक्टूबर से इन प्रावधानों के हिसाब से काम कर सकें, क्योंकि वक्त कम है.
एएमआरडी एंड एसोसिएट्स पार्टनर रजत मोहन ने कहा, इन दोनों प्रावधानों से अर्थव्यवस्था में टैक्स अधिकारियों की पहुंच बढ़ेगी और इससे टैक्स की चोरी में भी कमी आएगी.
टीडीएस शुरू करने का मकसद था स्रोत पर ही टैक्स काट लेना. अगर किसी व्यक्ति को कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाये तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं. सरकार टीडीएस के जरिये टैक्स जुटाती है. टीडीएस विभिन्न तरह के आय़ स्रोतों पर काटा जाता है मसलन सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर. टीडीएस हर आय पर और हर किसी लेन-देन पर लागू नहीं होता है. आयकर विभाग की ओर से कई तरह के अलग-अलग पेमेंट्स पर अलग-अलग रेट्स सुझाए गए हैं.
ऐसे समझें-
अगर आप भारतीय हैं और आपने डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया तो इस पर जो आय प्राप्त हुई उस पर कोई टीडीएस नहीं चुकाना होगा लेकिन अगर आप एनआरआई (अप्रवासी भारतीय) हैं तो इस फंड से हुई आय पर आपको टीडीएस देना होगा.
टीडीएस क्या होता है-
टीडीएस यानी टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स. टीडीएस में पेमेंट करने वाला टैक्स काटकर पेमेंट देता है. और टीसीएस यानी टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स. जिसमें विक्रेता खरीदार से टैक्स वसूलता है. सरकार हर तरह के ट्रांजेक्शन पर नजर रखना चाहती है. बड़े खर्च और कम टैक्स भुगतान के मामले पकड़े जाएगें. अगर 10 लाख रुपये से ज्यादा की मोटर कार की आप खरीदारी करते है तो उसपर 1 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा. साथ ही, चेक से भुगतान करने पर भी टीसीएस लगाया जायेगा. ज्यादा खरीदारी करने पर टीसीएस तभी जब नकद भुगतान 2 लाख से ज्यादा होगा. इसके जरिये 2 लाख नगद खरीदारी पर 1 फीसदी टीसीएस कांटा जाएंगा. टीडीएस की तरह टीसीएस का भी क्रेडिट मिलेगा. फॉर्म 26 एएस में टीसीएस का रिकॉर्ड देख सकते है.

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