राजस्थान

राजस्थान सीएम पद को लेकर घमासान तेज, जयपुर में भिड़े गहलोत-पायलट के समर्थक

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जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस में सीएम पद को लेकर घमासान बढ़ता जा रहा है. सीएम को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. कांग्रेस दफ्तर के बाहर सचिन पायलट के समर्थकों ने हंगामा कर दिया है. जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की जारी बैठक भी खत्म हो गई है. उधर, राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व भरतपुर के डीकुबेर से विधायक विशवेंद्र सिंह ने कांग्रेस के सीएम चयन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जब ये तय हो चुका कि हाईकमान से ही आएगा नाम तो विधायकों से राय लेने का कोई औचित्य नहीं रहा. हाईकमान फैसला तो ले ले. लोगों के झगड़े बढ़ते जा रहे हैं. आपस में समर्थक भिड़ रहे हैं. मुझे चिंता इस बात की है कि ये समर्थक जयपुर छोड़ कर कहीं और जगह भी ना भिड़ जाएं. इसकी हिंसा ना बढ़ जाए. सीएम पर जल्दी फैसला हो.

राजस्‍थान में मुख्‍यमंत्री के नाम को लेकर कांग्रेस विधायकों में आम सहमति नहीं बन पाई है. वहीं आलाकमान भी इस बारे में फूंक-फूंककर कदम रख रहा है. सूत्रों का कहना है कि ऐसे में सीएम चेहरे का ऐलान बुधवार को शायद ही हो. इस बारे में आखिरी फैसला राहुल गांधी को लेना है. जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी से भी इस मसले पर सलाह ली जाएगी. कांग्रेस नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी से राजभवन के लिए रवाना हो गए हैं. वहीं पर्यवेक्षक वेणुगोपाल दिल्ली जाकर राहुल गांधी को रिपोर्ट देंगे और इसके बाद गुरुवार को दिल्ली में फैसला होगा.

राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नेता का चुनाव करने में कांग्रेस को भले ही दुविधा का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सरकार बनाने के दावे में वह पीछे नहीं हैं। कांग्रेस के दोनों नेता अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट बुधवार शाम राजभवन गए और राज्यपाल कल्याण सिंह से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस बीच सूत्रों का कहना है कि सीएम पद पर रस्साकशी तेज होने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पायलट और गहलोत दोनों को दिल्ली तलब किया है।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला राहुल गांधी करेंगे। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत में से किसी एक का चुनाव करने में दुविधा का सामना कर रही है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में है लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का समर्थन अशोक गहलोत के साथ है। ऐसे में पार्टी के सामने नाम का चयन करने में मुश्किल आ रही है।

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