जम्मू-कश्मीर

सिर्फ शैक्षिक ही नहीं बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दें अध्यापक : विजय नड्डा

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नीरज सिसौदिया, रामबन (जम्मू और कश्मीर)
अध्यापकों को सिर्फ बच्चों के शैक्षिक विकास पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि उन के सर्वांगीण विकास के लिए भी प्रयास करना चाहिए। एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग होता है| अगर सिर्फ बच्चे के बौद्धिक विकास पर ही ध्यान दिया जाएगा तो अन्य मामलों में वह पिछड़ जाएगा|

इस प्रकार ना ही वह बौद्धिक रूप से पूरी तरह विकसित हो पाएगा और ना ही शारीरिक रूप से| इसलिए वर्तमान समय में यह जरूरी है कि अध्यापक बच्चों को खेल ,आध्यात्मिक, नैतिक और एकेडमिक शिक्षा के साथ ही सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान दें। यह बातें विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के सह संगठन मंत्री विजय नड्डा ने जम्मू कश्मीर के रामबन स्थित भारतीय विद्या मंदिर में आयोजित प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहीं|


उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग की सफलता तभी मानी जाएगी जब प्रशिक्षण के दौरान सिखाई गई चीजों पर अध्यापक अपने अपने विद्यालयों में जाकर अमल करें| उन्होंने कहा कि आज शिक्षक और विद्यार्थियों के रिश्ते में दूरी आई है| वर्तमान समय में विद्यार्थी अपने अध्यापकों को वह सम्मान नहीं दे रहे हैं जो पहले दिया जाता था| इसके लिए सिर्फ बच्चों को ठहराना ही सही नहीं होगा बल्कि कहीं ना कहीं अध्यापक भी कुछ हद तक इसके लिए जिम्मेदार हैं| कहीं ना कहीं अध्यापकों से ऐसी चूक हुई है कि समाज में उनका मान-सम्मान विद्यार्थी की नजर में कम हुआ है|

उन्होंने प्रशिक्षण वर्ग में शामिल नवीन अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्यों को विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए ताकि वह भविष्य में कभी भी अपने अध्यापकों पर उंगली ना उठा सके| विद्यार्थी के मन में कभी ऐसी बात नहीं आनी चाहिए कि वह भविष्य में अफसोस करें कि अगर मेरे शिक्षक ने मुझे यह उस समय बता दिया होता तो आज मैं और आगे हो सकता था|

उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज को गढ़ने का काम करती है और अध्यापक के बिना यह संभव नहीं। उन्होंने कहा कि अध्यापन सिर्फ नौकरी नहीं है| यह एक पूजा है| एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अगर मां अपने बच्चे को सिर्फ यह समझ कर पा ले कि वह नौकरी कर रही है तू उस बच्चे का भविष्य किस दिशा में जाएगा इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं| ठीक इसी प्रकार अध्यापक भी शिक्षण कार्य को सिर्फ नौकरी ना समझ कर एक पूजा की तरह करें तभी समाज में उनका खोया हुआ स्थान वापस हासिल हो सकेगा और विद्यार्थियों की नजरों में उनका सम्मान कभी भी कम नहीं होगा|


बता दें कि बधरवाह किश्तवाड़ और रामबन के शिक्षकों का 10 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन भारती विद्या मंदिर रामबन में किया गया जिस का समापन रविवार को हुआ| प्रशिक्षण के बाद सभी शिक्षकों की परीक्षा हुई जिसमें बदरवाह की वंदना राठौर प्रथम, अंजिल कुमार ने द्वितीय और राशि कोटवाल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।


प्रशिक्षण वर्ग में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के प्रचार प्रमुख राजेंद्र जी, जम्मू कश्मीर के प्रांत कार्यालय मंत्री समीर सप्रू, जम्मू कश्मीर के प्रांत निरीक्षक प्रदीप त्रिपाठी, स्कूल के प्रिंसिपल पीएस ठाकुर और उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री का अहम योगदान रहा|

इस दौरान भारतीय विद्या मंदिर राम बन के प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ मोहनलाल शर्मा, दिलेर सिंह, प्रीतम सिंह, सिमरन शर्मा, किश्तवाड़ के जिला निरीक्षक किशोरी लाल परिहार, सुषमा , काजल शर्मा, मनोज कुमार, मंगतराम आदि अध्यापक भी मौजूद थे|

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