दिल्ली

राजस्थानी एकेडमी ने किया 28वें कवयित्री सम्मेलन और छठे नारी गौरव सम्मान का आयोजन

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली 
राजस्थानी ऐकेडमी एक ऐसी संस्था है जिसकी स्थापना राजस्थान मूल के लोगों ने की थी जो अब बाहर बसे हुए है। मशहूर टैक्स कंसलटैंट श्री आरएन लखोटिया ने 28 साल पहले दिल्ली के आस-पास राजस्थानी संस्कृति, नृत्य, कला और साहित्य के प्रचार प्रसार के लिए इसकी स्थापना की थी। प्रेसिडेंट गौरव गुप्ता ने बताया कि राजस्थानी ऐकेडमी ने 28वें कवयित्री सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक पूरा किया है। अपनी तरह के इस अनूठे कवि सम्मेलन में महिलाएं अपनी छिपी हुई प्रतिभा का प्रदर्शन करती हैं। कई कवयित्रों ने पहली बार इस कवयित्री सम्मेलन में पहली बार कविताएं सुनाई हैं।

भिन्न क्षेत्रों की नारी प्रतिभा का सम्मान करने में हमें गर्व है। इनमें समाज कल्याण, वीरता, न्यायपालिका, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बाल विकास आदि शामिल है। इसके लिए हमलोगों ने लगातार सातवीं बार नारी गौरव सम्मान का आयोजन किया। अभी तक हमलोगों ने 95 महिलाओं का सम्मान किया है।

28वें कवि सम्मेलन और छठे नारी गौरव सम्मान का आयोजन गुलमोहर हॉल, इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली में किया गया था। इस मौके पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष श्री राम निवास गोयल और टोगो के राजदूत मुख्य अतिथि थे। पद्मभूषण श्री राजा रेड्डी भी इस मौके पर मौजूद थे। ऐकेडमी परिवार की कवयित्रियों में इस बार सुमन महेश्वरी (संयोजक), निशा भार्गव, उमा मालवीय, प्रवेश धवन, शांति शर्मा, अल्का महेश्वरी, नीलम आनंद, सुनिता बंसल, ममता मिश्रा, प्रतिभा सिंघल, पुष्पा शर्मा शामिल थीं।

हमलोगों ने 22 महिलाओं को सम्मानित किया है। ये वो महिलाएं हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं और अपने आस-पास के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत भी रही हैं। 2019 में जिन महिलाओं को यह पुरस्कार मिला है वे हैं : आरती गुप्ता, डॉ अमित कौर पुरी, अरुणा मखीजा, अरुणा एस पुरोहित, डॉ ब्लॉसम कोचर, कौशल्या रेड्डी, कविता कुमार, किरण चोपड़ा, लहर सेठी, माधवी आडवाणी, मनीषा धींगरा, पारुल कुमार, पारुल मेहरा, पीनाल जी वानखड़े, प्रिया जैन, रुचिका अग्रवाल, शिवानी मलिक, सोनल जिंदल, सुमन डूंगा, डॉ उर्मिला शर्मा और डॉ विभा एस चौहान।

हमें यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि मेजर जनरल जीडी बख्शी हमसे विशिष्ट सम्मानित अतिथि के रूप में हमसे जुड़े हैं। हमारे लिए यह गौरव के क्षण हैं। मेजर जनरल जीडी बख्शी ने इस दौरान अपनी दो कृतियां प्रस्तुत कीं। इनमें एक अंग्रेजी में, पोयम्स फ्रॉम दि आउटपोस्ट और हिन्दी में कल्की तू कहां है, हैं।

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