नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर विकास प्राधिकरण के एस्टेट अफसर जय इंदर सिंह के तबादले के साथ ही जालंधर में पुडा के तहत पड़ते इलाकों में अवैध कॉलोनियों का कारोबार धड़ल्ले से चल पड़ा है| हैरानी की बात तो यह है कि जिन अवैध कॉलोनियों पर जय इंदर सिंह ने डिच चलाई थी वह अवैध कॉलोनियां फिर से बन चुकी हैं| साथ ही उनमें निर्माण कार्य भी होने लगे हैं| खुलेआम प्लॉटों का सौदा किया जा रहा है| शहर के बुलंदपुर, जंडू सिंघा रोड, खांबड़ा, रायपुर रसूलपुर, और लांबड़ा जैसे कई इलाके हैं जहां अवैध कॉलोनियों का काला कारोबार धड़ल्ले से चलने लगा है|
इस सारे काले कारोबार को पुडा के अधिकारी बड़ी ही चालाकी से अंजाम दे रहे हैं| वहीं जेडीए के नए एस्टेट अफसर निचले अधिकारियों की कारगुजारी से अनजान हैं| सरकार की ओर से पॉलिसी तो जारी कर दी गई लेकिन जिन कॉलोनाइजरों ने जेडीए के अधिकारियों से मिलीभगत करके अवैध कॉलोनियां बनाई थी वह उन कॉलोनियों को रेगुलर कराने के लिए दी जाने वाली राशि भी देने को तैयार नहीं हैं। इनमें कई कॉलोनियां ऐसी है जो नियमानुसार रेगुलर की ही नहीं जा सकती| लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह कॉलोनियां भी धड़ल्ले से खड़ी हो रही हैं।
सबसे दिलचस्प मामला जंडू सिंघा रोड पर स्थित कॉलोनी को लेकर देखने को मिला है| यहां लगभग 35 से 40 एकड़ में अवैध कॉलोनी काटी जा रही है| औरअधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं| इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी इस कदर लापरवाह हो गए हैं कि वह फिल्ड का दौरा करना भी मुनासिब नहीं समझते| इस संबंध में जब जेई सिद्धार्थ से बात की गई तो उन्हें पता ही नहीं था कि ऐसी कोई कॉलोनी भी काटी गई है| उन्होंने कहा कि मैं आज छुट्टी पर हूं कल आकर चेक करता हूं| ऐसे लापरवाह अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है| कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा इन अधिकारियों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं| वहीं जेडीए का नेतृत्व भी ढीला पड़ने से रिश्वतखोर अधिकारियों की चांदी हो रही है| जय इंदर सिंह ने जिन कॉलोनियों पर कार्रवाई करने के बाद वहां अवैध कॉलोनी के बोर्ड लगाए थे उन कॉलोनियों से अब बोर्ड भी गायब हो गए हैं| अगर पुडा के अधिकारियों के काले कारनामों की जांच सीबीआई या विशेष जांच दल से कराई जाए तो कई हैरान करने वाले खुलासे होंगे| बहरहाल, यह अधिकारी सरकार को चूना लगाने में मस्त हैं| अब देखना यह है कि मंत्री जी इनके खिलाफ कोई एक्शन लेते हैं या सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले इन अधिकारियों को संरक्षण प्रदान करते हैं। इस कालेे खेेलमें कौन कौन सेे अफसर हैं शामिल, जय इंदर सिंह के तबादलेे के बाद कहां कहांं फिर से बन चुुकी हैं, अवैैध कॉलोनियां, इसका खुलासा हम अगली किस्त में करेंगे. जाननेे के लिये पढ़़ते रहिये इंडिया टाइम 24 डॉट कॉम.
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