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बच्चे की मौत का मामला : सीएचसी बिशेश्वरगंज में सत्य – असत्य पर छिड़ी महाभारत

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अमित पाठक, बहराइच

जनपद बहराइच के अधीनस्थ सीएचसी बिशेश्वरगंज में लापरवाही अनियमियता और रिश्वत संबंधी मामला सामने आया, प्रसव के उपरांत बच्चे की मौत पर परिजनों ने लगाया सीएससी बिशेश्वरगंज ( पहुँचकट्टा) पर गंभीर आरोप, प्रतुत्तर में मौजूदा नर्स अंजू श्रीवास्तवा व रामा देवी ने बताया कि आरोप मनघडंत एवँ बेबुनियाद है , इस प्रकरण की सूचना मिलते ही हमनेे पूरी तन्मयता से सम्पूर्ण मामले की छानवीन की, मौके पर तत्काल पहुँच कर पहले पीड़िता पूनम सिंह उनके पति दद्दन सिंह व उनके साथ आये परिजनों सहित पूछताछ की. जिन्होंने सामूहिक रूप से बताया कि उनका गाँव सुग्गा नगर थाना बिशेश्वरगंज में है. लगभग 1:30 बजे पर पीड़िता को प्रसव पीड़ा के दौरान एम्बुलेंस के नम्बर पर फोन किया गया जो 3 बजे गांव से, 3 किलोमीटर दूर पुरैना बाजार में ही आकर रुक गया जबकि पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके गाँव तक ट्रक चला आता है उन्होंने एम्बुलेंस चालक पर 1000 रुपये माँगने का संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि रुपये दोगे तो गाँव तक आऊँगा. पीड़ित ने बताया कि सीएससी पहुँचने पर एमरजेंसी में ताला लगा होने पर नर्स से प्रसव संबधी बात की. पीड़िता ने बताया कि नर्स ने 4000 रुपये माँगे और जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने का आश्वसन दिया. पीड़िता का आरोप है कि पैसा न देने पर उसके लड़के को मार डाला.
संवाददाता ने सत्य – असत्य की पुरजोर कोशिश में एकतरफा बयान न लेकर सीएससी की नर्स अंजू श्रीवास्तवा से उक्त संदर्भ में बातचीत की तो उन्होंने सभी आरोपों को खंडित करते हुए कहा कि ये सब मनघडंत एवँ बेबुनियाद है पैसा किसी ने नही माँगा जबकि परिजनों की परेशानी देखते हुए यथासंभव जच्चा बच्चा दोनों को बचाने का सम्पूर्ण प्रयास किया गया उन्होंने बताया कि मैं काफी वर्षों से यहाँ हूँ और आज तक ऐसा आरोप- प्रत्यारोप किसी ने नहीं लगाया इस वजह से मैं काफी सदमे में हूँ मेरी दिनचर्या अस्त व्यस्त हो गयी है , मैं झूठा आरोप झेल पाने की स्थिति को भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ ,
दूसरी सहयोगी नर्स रामा देवी ने मोबाइल पर अंजू श्रीवास्तवा के बातों का समर्थन किया उन्होंने भी पीड़िता पक्ष के समूचे इल्ज़ाम को महज एक परेशान करने वाला दुःस्वप्न बताया ,
पीड़िता के परिजनों ने उक्त मामले की तहरीर थाना बिशेश्वर गंज में दी है संवाददाता द्वारा थाने पे पूछताछ करने पर पता चला कि तहरीर वास्तव में दी गयी है न्यायिक कार्यवाही हेतु प्रशासन तटस्थ एवं सक्रिय है पीड़ित ने पोस्टमार्टम करवाने के लिए मना कर दिया था,
संवाददाता को सीएससी प्रभारी अधीक्षक डॉ आर के मिश्रा ने बताया कि अभी तक मेरे पास किसी की कोई शिकायत नहीं आयी है,
उपर्युक्त प्रगाढ़ मामले की सत्यता का पर्दाफाश, निष्पक्ष सत्यापन के बाद ही सामने आएगा परंतु क्या एम्बुलेंस जैसे जिम्मेदार पद पर कार्यरत कर्मचारी वास्तव में दोषी है जिनके आने जाने का रास्ता जनमानस अपने आपको व्यस्त करके दे देता है वो भी इसलिए कि इसमें कोई जिंदगी और मौत से लड़ रहा है या फिर पीड़ितों का आरोप एक मनगढंत कहानी है जो भी है शासन – प्रशासन के लिए एक चुनौती भरा प्रकरण है |

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