नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर लोकसभा के अंतर्गत उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के वोट बैंक को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. यहां सियासत की कमान वर्षों से एक जाट परिवार के नुमाइंदों के हाथ में है. लेकिन अब इस परिवार के ही करीबी रहे दर्जनों परिवार जाट परिवार से नाराज बताये जा रहे हैं जिसकी पुष्टि सूत्र करते हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि ये नाराज परिवार के लोग इस जाट परिवार को नीचा दिखाने के लिए इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी संतोख सिंह को हराने के लिए अंदरखाते पूरा जोर लगा रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि वर्षों से पार्टी के लिए कार्य कर रहे ऐसे ज़मीनी कार्यकर्ता हैं जिन्हें कभी भी पार्टी स्तर पर आगे आने का मौका इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि एक ही जाट परिवार द्वारा वर्षों से सीट पर कब्ज़ा किया हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में आम जनता के लिये सुनिश्चित किया गया न्याय योजना का वायदा तभी सफल हो पायेगा जब ज़मीनी स्तर पर वर्षों से जुड़े पार्टी कार्यकर्ताओं को न्याय मिलेगा। उत्तरी विधानसभा में ऐसे सैकड़ों कार्यकर्ता व कांग्रेस परिवार मौजूद हैं जिन्हें जाट परिवार द्वारा लगातार नज़रंदाज़ किया जा रहा है. ऐसे परिवारों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । उत्तरी विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कांग्रेस परिवारों व ज़मीनी कार्यकर्ताओं ने इस बार लोकसभा चुनावों में जाट परिवार को सबक सिखाने की ठान ली है। वर्णयोग है कि जाट परिवार के कंधे के साथ चट्टान कि तरह खड़े रहने वाले उक्त परिवार वालों ने भी साथ छोड़ दिया है। नगर निगम चुनावों में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को जाट परिवार द्वारा टिकट देने से वंचित किया गया जिसका खामियाजा जाट परिवार को लोकसभा चुनावों के नतीजे से दिख जाएगा। वहीं, दो ऐसे भी नेता हैं जिन्हें टिकट भी मिला और वह पार्षद भी बन चुके हैं. साथ ही डिप्टी मेयर पद के प्रबल दावेदार भी थे लेकिन कुर्सी हासिल करने में नाकाम रहे. इन परिवारों की वजह से नॉर्थ में कांग्रेस पार्टी को लगभग डेढ़ से दो हजार तक वोटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है. इस जाट परिवार का इन नेताओं में इतना खौफ है कि कोई भी नेता खुलकर इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. सूत्र बताते हैं कि जाट परिवार से नाराज लगभग सौ से भी अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक गुप्त मीटिंग कर जाट परिवार को नीचा दिखाने के लिए चौधरी संतोख सिंह के खिलाफ वोट डालने और समर्थकों से वोट डलवाने का निर्णय लिया है. बहरहाल, ये परिवार लोकसभा चुनावों को किस हद तक प्रभावित कर पाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन इनकी मीटिंग के बाद चौधरी संतोख की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं.