नीरज सिसौदिया, जालंधर
अमृतसर नगर निगम के एक्सईएन तिलकराज जस्सड़ ने ठेकेदार से फाइलें पास करवाने की एवज में 25 हजार रुपए लिये थे. इस सौदे में साेनू नाम का एक शख्स भी शामिल था. इसका खुलासा एक कॉल रिकॉर्डिंग से हुआ है. इसमें सोनू नाम का एक शख्स तिलकराज से पूछता है कि आपने ठेकेदार से 35 हजार रुपए लिये हैं तो तिलकराज कहता है नहीं सिर्फ 25 हजार रुपए ही दिये थे उसने और आप भी तो साथ आये थे. उसके अलावा मैंने कोई पैसे नहीं लिये. इसमें सोनू नाम का शख्स तिलकराज से यह भी कह रहा है कि आपने ठेकेदार से दो लाख रुपये और मांगे थे तो तिलकराज इससे इनकार कर देते हैं. इस ऑडियो में तिलकराज खुद 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने की बात कुबूल कर रहे हैं. ऐसे में तिलकराज जस्सड़ को बर्खास्त कर देना चाहिए. यह तो एक मामला था जो कि सामने आ गया.
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सूत्र बताते हैं कि ऐसे कई काम तिलकराज ने रिश्वत की मोटी रकम लेकर किये हैं. और इसी काली कमाई से उसने करोड़ों रूपये की संपत्ति अर्जित कर ली है. साथ ही करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी भी खरीदी है. इनमें तीन आलीशान कोठियां और लग्जरी गाड़ियां भी शामिल हैं.
सूत्र बताते हैं कि तिलकराज पिछले कई वर्षों से एक ही नगर निगम में तैनात है और अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहा है. जब नियमानुसार तीन वर्ष से ज्यादा एक ही शहर में कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं रह सकता तो फिर तिलकराज को क्यों नहीं बदला गया. अगर आयकर विभाग और सीबीआई से मामले की जांच कराई जाए तो कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. ठीक उसी तरह जिस तरह मध्य प्रदेश का एक मामूली सा पटवारी अरबपति बन गया था.
तिलकराज के काले कारनामों की फेहरिस्त बहुत लंबी है जिसका खुलासा हम किस्तों में कर रहे हैं. अगली किस्त में हम आपको बताएंगे कि कैसे तिलकराज ने अपने बेटे को नगर निगम का ठेकेदार बना दिया और उसे अपनी ही ओएंडएम ब्रांच के ठेके बांटता रहा.