विश्व स्वास्थ्य संगठन व यूनिसेफ ने 2018 में अपनी रिपोर्ट ” कैप्चर दी मोमेंट “में यह कहा है कि जन्म के बाद नवजात को ब्रेस्ट फीडिंग से वंचित रखना जानलेवा हो सकता है। अन्य आंकड़ों के अनुसार, केवल मां के दूध के अभाव में हर साल भारत में 1 लाख 60 हज़ार नवजात शिशु मारे जाते हैं।
2016 में यूनिसेफ व डब्लू एच ओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, इंडोनिशया, चीन, मेक्सिको और नाइजीरिया में अपर्याप्त मदर्स मिल्क के कारण “प्रति वर्ष दो लाख छत्तीस हजार नवजात असमय काल के गाल में समा जाते हैं।
उपरोक्त खतरनाक आंकड़ों पर लगाम का एक अकेला रास्ता है इन मौतों को रोकने का, वह है देश में जगह-जगह मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना। विचार हो, संवेदनशीलता के साथ।
– डा आर एन सिंह,
प्रेसिडेंट, स्तनपान संवर्धन समिति,
गोरखपुर