सोहना, संजय राघव
सावन का महीना चल रहा है। 30 जुलाई को महाशिव रात्रि है। सोमवार रात 12 बजे के बाद मंदिरों में कांवड़ भी चढ़नी शुरू हो जाएगी। ऐसे में सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए है। शिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस बार मासिक शिवरात्रि चतुर्दशी को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ शिवलिग रूप में प्रकट होते हैं। इसी दिन सभी देवी-देवता पहली बार शिवलिग की पूजा की थी। सावन के महीने में शिवभक्त कांवड़ लेकर आते हैं। इसके बाद अपने अपने क्षेत्रों में आकर भगवान शिव के पवित्र धामों पर जलाभिषेक करते हैं।
रविवार से कांवड़ियों का आना शुरू हो गया है। सड़कों पर दिन रात भगवान शिव के जयकारे गूंज रहे रहे है। हर कोई शिवभक्ति में डूबा हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस बार 10 दिन पहले महाशिवरात्रि है। पिछले साल बरसात न होने से गर्मी से हर कोई परेशान था। लेकिन इस बार अच्छी बरसात होने से श्रद्धालु भी खुश है।
आज रात 12 बजे के बाद कावड़ चढ़नी हो जाएगी शुरू शास्त्रों के मुताबिक शिव जी का रुद्राभिषेक प्रदोष काल में करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 29 अगस्त को रात्रि के 1 बजकर 10 मिनट से 30 अगस्त शाम 7 बजकर 15 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। अगर इस समय कोई भी श्रद्धालु कांवड़ या शिव पूजा करता है तो उसकी मनोकामना भी पूरी होती है।
मंदिर सजे, कावड़ियों की सेवा में लगे भंडारे
30 जुलाई को महाशिवरात्रि होने के कारण सोहना व गांवो से कांवड़ लेने गए श्रद्धालु आने शुरू हो गए है। शहर के अंदर अनेक जगह भंडारे का आयोजन किया गया है।
पंडित तिरलोक ने बताया कि सावन शिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण होती है। माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्द सुन लेते हैं। इसलिए उनके भक्त अन्य देवी-देवताओं की तुलना में अधिक भी मिलते हैं। वैसे शुभ मुहूर्त 29 जुलाई रात 1 बजकर 10 मिनट से शुरू हो जाएगा जो 30 जुलाई तक शाम 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस समय अवधि के दौरान जो भी पूजा करेगा उसकी मनोकामना पूरी होगी।