हरियाणा

सीएम ने विजिलेंस को सौंपी एलईडी घोटाले की जांच

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सोहना, संजय राघव
सोहना कस्बे में एलईडी लाईट योजना में व्याप्त अनियमितता व घोटाला किये जाने का मामला मुख्यमंत्री दरबार में पहुँच गया है| सरकार ने मामले की जाँच विजिलेंस विभाग को सौंप दी है| विजिलेंस टीम ने शुक्रवार को कस्बे में पहुँचकर मौका मुआयना किया तथा लाइटों का बारीकी से निरिक्षण किया| टीम ने अधिकारियों से योजना से संबंधित सभी दस्तावेज भी हासिल किये तथा ठेकेदारों से भी जानकारी हासिल की| वहीँ ऐसा होने से नगरपरिषद् विभाग ने हडकंप व बेचैनी व्याप्त है| अधिकारीगण योजना की जाँच होने से काफी डरे व सहमे हुए हैं| बताते हैं कि मामले में कई अधिकारियों पर गाज गिरने की प्रबल सम्भावना है|
विदित है कि गत करीब चार वर्ष पूर्व सोहना नगरपरिषद् विभाग द्वारा कस्बे में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था सुधारने के लिए एलईडी लाईट योजना को हरी झंडी प्रदान की गई थी| जिसपर चार करोड़ 85 लाख रूपए खर्च किया जाना तय था| किन्तु नगरपरिषद् के अंतर्गत 13 गाँव शामिल हो जाने पर योजना का विस्तार कर दिया गया| जिसपर अनुमानित दस करोड़ रूपए की राशी खर्च की गई थी| जिसका ठेका तीन निजी एजेंसियों को सौंपा गया था| किन्तु आरोप है कि अधिकारियों व ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत के चलते योजना में जमकर अनियमितता व घोटाला किया गया था| जिसमे लाइटों के दाम ज्यादा वसूले गए थे| पोल घटिया कंपनी के लगाए गए थे| लाइटों की कंपनी भी घटिया बताई जाती है| मामले की शिकायत जब स्थानीय अधिकारियों को की गई तो उन्होंने मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया थे| किन्तु एक समाजसेवी सबरंग ने जब मामला सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा को लिखित रूप में प्रेषित किया तो अधिकारियों में हडकंप मच गया| सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए इसकी जाँच विजिलेंस विभाग को सौंप दी है| इसी क्रम में विजिलेंस विभाग के कार्यकारी अभियंता चंडीगढ़ सुरेश पाल सैनी की टीम ने शुक्रवार को सोहना कस्बे में पहुँचकर योजना का बारीकी से निरिक्षण किया जिन्होंने गाँव रायपुर, बल्लभगढ़ मोड़, धुनैला, लाखुवास आदि स्थानों पर पहुँचकर लाईटों की जाँच की तथा उनका बारीकी से निरिक्षण किया| निरिक्षण के दौरान करीब 25 प्रतिशत लाईटें ख़राब मिली| लाईटों के पोल भी डुप्लीकेट दिखाई दिए जिनपर बाद में कंपनी की प्लेट लगाई गई थी| टीम ने परिषद् अधिकारियों से योजना से संबंधित दस्तावेज भी हासिल किये| टीम के पहुँचने पर पूरे दिन अवकाश होने के बाद भी अधिकारी व कर्मचारी जमे रहे| शिकायतकर्ता सबरंग ने बताया कि उन्होंने जनहित में इस मामले का खुलासा किया है| जिसमे करोड़ों रूपए का घोटाला है| वहीँ विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर रामानंद रावत ने बताया कि जाँच सरकार द्वारा सौंपी गई है| जिसका टीम द्वारा निरिक्षण किया गया है| जिसमे काफी अनियमितताएं मिली हैं| उन्होंने यह भी बताया कि मामले से संबंधित रिकॉर्ड अधिकारियों से प्राप्त कर लिया गया है तथा योजना का मूल्यांकन कराया जा रहा है| उन्होंने रिपोर्ट जल्द ही तैयार करके सरकार को भेजने के संकेत दिए हैं|

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