बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो अनुमंडल के ऊपरघाट के जंगल में एक सप्ताह से भाकपा माओवादी के हथियारबंद दस्ता का जमावड़ा लगा हुआ है। करीब डेढ़ सौ की संख्या में जमे माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे हुए हैं। ऊपरघाट के जंगल में माओवादियों की जमावड़ा की सूचना से पुलिस महकमा सर्तक हो गयी है। इस संबंध बताया जाता है कि माओवादी अपने पूर्व साथी घुजा तूरी के शहादत दिवस मनाने के लिए ऊपरघाट के जंगलों में शरण लिए हुए है। घुजा तुरी को 80 के दशक में 23 अगस्त के दिन ही सांमतवादियों ने निर्मम तरीके से डेगागढ़ा स्थित उनके आवास में ही हत्या कर दी थी। घुजा तुरी ऊपरघाट में माओवादियों का संस्थापक सदस्यों में एक था। बाद में माओवादियों ने कुछ महीनों बाद घुजा तुरी के हत्यारों को गोनियांटो मेलाटांड में दिन दहाडे हत्या कर उसका बदला लिया गया था। हांलाकि पुलिस की सर्तकता से माओवादी अपने पूर्व साथी का शहादत दिवस नही मना पाए। सूत्रों के अनुसार माओवादी ऊपरघाट के इटवाबेडा़ जंगल में शरण लिए हुए हैं। सूत्रों की मानें तो सूत्र बताते हैं कि पांच दिन पूर्व डुमरी बाजार से चावल, आटा, सब्जी मशाला तेल आदि चार पहिया वाहन से जंगल में ले जाया गया है। इतनी बड़ी तादाद में माओवादियों की एकत्रित देख आसपास के ग्रामीण अनहोनी की घटना से सशंकित हैं। कोई भी कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है। माओवादियों की दस्ता तीन टोली में बंटकर अलग-अलग स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं। किसी को परेशान नहीं कर रहे हैं। इतनी संख्या में माओवादियों का जमा होना किसी बड़े नकस्ली घटना को अंजाम देने की योजना की ओर इशारा कर रहा है। इस बात की जानकारी खुफिया विभाग ने भी मुख्यालय को रिर्पोट की है। रिर्पोट के आधार पर ऊपरघाट के संभावित इलाकों में पेंक-नारायणपुर पुलिस, अभियान व सीआरपीएफ के जवानों के साथ संयुक्त छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। बताया जाता है कि माओवादियों की दस्ता में महिलाओं की टीम भी है। सांरडा से भी कई बडें माओवादी पहुंचने की सूचना है। ऊपरघाट स्थित पेंक-नारायणपुर थाना प्रभारी छोटेलाल पासवान ने इस संबंध कहा कि नक्सलियों की मूवमेंट की सूचना है। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है।
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