यूपी

प्रधान की शह पर ग्राम सचिवालय बना मिनी हॉस्पिटल

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विकास द्विवेदी, बहराइच
ग्राम पंचायत के निवासियों को किसी भी सरकारी कागज के लिए भाग दौड़ न करनी पड़े इसके लिए सरकार ने सभी गांवों में पंचायत सचिवालय का निर्माण कराया है।लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते उसमें से अधिकतर में या तो ताले लटकते मिलेंगे या तो अतिक्रमण की चपेट में ।ऐसा ही मामला विकासखंड बिशेश्वर गंज के ग्राम पंचायत खरगौरा जनूब का है जहां सचिवालय का निर्माण तो ग्राम पंचायत द्वारा करा दिया गया।लेकिन यहां पर प्रधान के खास लोगों में सुमार झोला छाप डॉक्टर जीवट राम चौहान ने क्लीनिक खोलकर अपने कब्जे में कर रखा है ।सचिवालय के बरामदे को वें कुर्सी काउंटर लगाकर स्वयं बैठने के लिए एवं उसके एक कमरे को मरीज को लिटाने/बिठाने व दवा के रैक के रूप में उपभोग कर रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रधान द्वारा उसे खाली कराने की जहमत तक नहीं उठाई गई।जब इस बारे में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोषी चौहान से पूंछा गया तो उन्होंने कहा कि क्लीनिक चलाने वाला लड़का मेरा भाई ही है जो आने वाले अधिकारियों को बिठाता है और उनकी देखभाल करता है।बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने जनता की सुविधा के लिए भारी भरकम राशि खर्च कर सचिवालयों का निर्माण कराया है साथ ही यह भी आदेश दिया है कि ग्राम पंचायत अधिकारी ,लेखपाल व ग्राम पंचायत की नियमित बैठक सचिवालय में कराई जाए। जिससे ग्रामीणों की जनकल्याण से बराबर लाभ मिलता रहे।लेकिन जब जिम्मेदार ही बेपरवाह बने रहेंगे तो सरकार की मंशा पर पानी फिरता रहेगा। उक्त डॉक्टर के बारे में सीएचसी अधीक्षक रंजीत सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि फर्जी डॉक्टर की पुष्टि होने पर उचित कार्यवाही की जाएगी। सचिवालय कब्जे को लेकर खण्ड विकास अधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण पर हमें कोई सूचना नहीं थी अगर ऐसा है तो तुरंत सचिवालय खाली करवाया जाएगा ।

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