दिल्ली

गांधी जयंती पर गांधीगिरी कर रहे छात्रों को दिल्ली पुलिस ने किया डिटेन, युवा-हल्लाबोल के रजत यादव समेत कई छात्रों को मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली 

गांधी जयंती पर गांधीगिरी कर रहे छात्रों को सरकार ने आज पुलिस के माध्यम से उठवाकर थाने में डाल दिया। मामला तब हुआ जब रेलवे ग्रुप-डी भर्ती से लाखों अभ्यर्थियों के आवेदन रद्द किए जाने के खिलाफ छात्रों ने रेलभवन जाकर सफाई अभियान चलाया और अधिकारियों को फूल देना चाहा।

ज्ञात हो कि रेलवे ग्रुप-डी परीक्षा के 5,48,829 अभ्यर्थियों को तस्वीर या हस्ताक्षर के नाम पर भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। पिछले तीन दिनों से कई छात्र युवा-हल्लाबोल के बैनर तले “मोडिफिकेशन लिंक” की मांग को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे।

गांधी जयंती पर गांधीगिरी के माध्यम से विरोध कर रहे युवा-हल्लाबोल के रजत यादव समेत रेलवे अभ्यर्थियों को उठवाकर मंदिर मार्ग थाने में डाल दिया गया। महाराष्ट्र से आयी रेलवे अभ्यर्थी प्रीति डुधे भी अपने चार साल की बेटी के साथ पुलिस डिटेंशन में हैं।

युवा-हल्लाबोल के रजत यादव ने बताया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी 2019 में रेलवे ग्रुप डी के 1 लाख 28 हज़ार पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें कुल 1,15,67,284 छात्रों ने आवेदन किया है। हैरत की बात है कि इनमें से 5,48,829 अभ्यर्थियों के आवेदन ये कहते हुए रद्द कर दिए गए कि आवेदकों की तसवीर सही नहीं है। जबकि रेलवे की ही आरआरबी जूनियर इंजीनियर परीक्षा में उन्हीं तस्वीरों के आधार पर आवेदन स्वीकार किये गए। यहाँ तक कि आरपीएफ और एसएससी की परीक्षा में भी अभ्यर्थियों की इन्हीं तस्वीरों को स्वीकार किया गया। लेकिन आज न ही स्वीकार किया जा रहा, न ही सुधार करने के लिए मोडिफिकेशन लिंक दिया जा रहा।

रेलवे अभ्यर्थी गौतम मवाहने ने कहा, “हम और हमारे परिवार के साथ ये बड़ा अन्याय है कि सालों साल रेलवे भर्ती की तैयारी करने के बाद सरकार हमें इस तरह अवसर से वंचित कर रही है। इन्हीं फोटो से हमने बाकी कई परीक्षाओं में आवेदन किया था। यहाँ तक कि रेलवे की ही जूनियर इंजीनियर और आरपीएफ के लिए इसी तस्वीर को भेजा लेकिन ग्रुप डी की परीक्षा में ही क्यूँ हमें भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।”

युवा-हल्लाबोल के उत्सव ने बताया कि सभी छात्रों से रेलवे ने ₹  500 आवेदन शुल्क लिया है जिसमें से ₹  400 उन अभ्यर्थियों को वपिस कर दिया जाएगा जो परीक्षा में बैठ पाएंगे। यानी कि पाँच लाख से ज़्यादा बेरोज़गारों को अवसर से वंचित करके यह सरकार करोड़ों रुपए इक्कट्ठा कर लेगी। छात्रों के नौकरी और उज्ज्वल भविष्य का सपना तोड़ने वाली रेलवे और यह सरकार घोर अन्याय कर रही है।”

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